नाहन, 30 दिसंबर : ऐतिहासिक चौगान मैदान से खिलाड़ियों के मोबाइल चोरी (Mobile Theft) होने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। लेकिन पुलिस हाथ पर हाथ धर कर बैठी हुई है। हालांकि लगातार हो रही चोरियों की वजह से खिलाड़ी भी सचेत हो गए हैं, लेकिन सवाल पैदा होता है कि इन वारदातों को कौन अंजाम दे रहा है। साथ ही चोरी किए मोबाइल्स (Mobiles) को कहा ठिकाने लगाया जा रहा है।
खिलाड़ियों ने बताया कि मैदान में आने वाले छात्र बैग को पवेलियन में रख देते हैं, यही से मोबाइल चोरी कर लिए जाते हैं। ऐसी भी जानकारी है कि सिरमौर में ही आईएमईआई (International Mobile Equipment Identity) को क्रैक करने वाले भी सक्रिय हैं, लिहाजा साइबर सेल को मोबाइल के इस्तेमाल के बावजूद लोकेशन का पता लगाना कठिन होता है। जानकारों का कहना है कि ऐसे मोबाइल्स के इस्तेमाल से संगीन आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने की संभावना से भी इंकार किया जा सकता है।
एमबीएम न्यूज़ नेटवर्क सेसंपर्क साध कर खिलाड़ियों (Players) ने बताया कि शुक्रवार को भी दो मोबाइल चोरी हुए हैं। पुलिस को भी सूचित किया गया है। हालांकि पुष्टि नहीं है, लेकिन बताया जा रहा है कि 21 मोबाइल फोन चोरी हुए हैं। जानकारों का यह भी कहना है कि मोबाइल चोरी की घटना में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कर दी जाती है।
मोबाइल ट्रैक (Mobile Track) होने पर शिकायतकर्ता को सौंप दिया जाता है। ऐसे में चोरों के हौसले बुलंद ही रहते हैं। चोर मोबाइल बेचकर चांदी कूट चुके होते हैं। आर्थिक नुकसान का सामना खरीददार को करना पड़ता है। लिहाजा ऐसे मामलों में गुमशुदगी की रिपोर्ट की बजाय आपराधिक मामला दर्ज किया जाना चाहिए।
उधर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सोमदत्त ने कहा कि कार्रवाई को लेकर उचित दिशा-निर्देश दिए जाएंगे। उनका कहना था कि शिकायतकर्ता निजी तौर पर मिलकर भी जानकारी दे सकते हैं। मामले में ठोस कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।