नाहन, 19 दिसंबर : शहर की पहली महिला अधिवक्ता (First Lady Advocate of Nahan) उषा अग्रवाल ने 74 वर्ष की उम्र में संसार को त्याग दिया है। 60-70 के दशक में जब लड़कियों को स्कूल तक की शिक्षा हासिल नहीं होती थी, वहीं उस समय में दिवगंत अधिवक्ता उषा अग्रवाल ने कानूनी पढ़ाई का कठिन निर्णय लिया था।
मार्च, 1980 में जब पति दिवंगत सुशील चंद का निधन हुआ तो गोद में दो महीने का बेटा था। एक तरफ जहां बेटे के लिए माता-पिता का दायित्व निभाया, वहीं दूसरी तरफ कानूनी क्षेत्र में भी निरंतर अपना लोहा मनवाया। लंबे अरसे से लोक अदालत की सदस्य रही। दिसंबर 2022 तक पब्लिक नोटरी (Public Notary) के तौर पर भी सक्रिय थी।
10 अक्तूबर 2023 को दर्द उठा, इसके बाद लगातार स्वास्थ्य में गिरावट आती रही। मंगलवार दोपहर गुन्नुघाट (Gunnughat Nahan) स्थित आवास पर अंतिम सांस ली। अपने पीछे इकलौता बेटे भावेश अग्रवाल व पुत्रवधू प्रियंका अग्रवाल के अलावा पोता अमोघ छोड़ गई हैं। पुत्रवधू प्रियंका अग्रवाल ने बताया कि पुणे विश्वविद्यालय (Pune University) से कानूनी पढ़ाई पूरी की थी। शादी के बाद नाहन आई तो बतौर अधिवक्ता प्रैक्टिस शुरू कर दी। वो कुछ समय पहले तक भी प्रोफैशन में सक्रिय रही।
बता दें कि दिवंगत उषा अग्रवाल के जेठ पीसी अग्रवाल, शहर के एक जाने-मानें समाजसेवी हैं। वैश्य समाज के उत्थान में सक्रिय भूमिका निभाई है, साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर लोगों का बसेरा ‘हिन्दू आश्रम’ (Hindu Aashram Nahan) के जीर्णोद्धार में भी भूमिका रही हैै। परिवार का गुन्नुघाट में पुश्तैनी घर है। दिवंगत उषा अग्रवाल का अंतिम संस्कार बुधवार सुबह 11 बजे नाहन के मोक्षधाम में किया जाएगा।