नाहन (एमबीएम न्यूज): अपनी माशूक को पाने के मकसद से 32 वर्षीय पेशेवर हत्यारे राजेश को संभाल कर रखना भी पुलिस के लिए चुनौती है। इसी के तहत पुलिस को 1-4 की गार्द तैनात करनी पड़ी है। आपराधिक पृष्ठभूमि की वजह से राजेश के फरार होने की आशंकाएं भी प्रबल हैं।
चंद दिन पहले सैंट्रल जेल में सजायाफ्ता कैदी शेर सिंह ने भी पुलिस को चकमा देकर फरार होने की कोशिश की थी। यह वही कैदी है, जिसने 2006 में पांवटा के समीप एक शख्स को राजेश के साथ मिलकर मौत के घाट उतार दिया था। इसी मामले में राजेश व शेर सिंह को हत्या का दोषी पाया गया था, जिसमें दोनों को ही उम्रकैद की सजा हुई थी।
सूत्र बताते हैं कि सोहन सिंह उर्फ सोनी की हत्या के बाद जेल प्रशासन भी शेर सिंह पर कड़ी नजर रखे हुए है। सनद रहे कि राजेश इन दो हत्याओं के अलावा उत्तराखंड में भी लूट के मकसद से एक हत्या कर चुका है। पांवटा थाने के तत्कालीन एसएचओ व मौजूदा में दाड़लाघाट के डीएसपी नरवीर राठौर का कहना है कि शेर सिंह व राजेश ने गंडासे से एक व्यक्ति की हत्या की थी। इसके बाद शव को उसी के मोटर साइकिल से बांध कर नहर में फेंक दिया था।
उधर कालाअंब पुलिस अब राजेश का पुराना इतिहास भी खंगालने में लगी है। पुलिस को लग रहा है कि राजेश की गिरफ्त में आने से कई ऐसे आपराधिक मामलों पर से भी पर्दा उठ सकता है, जिनकी फाइलें बंद हो चुकी हैं।