मंडी, 10 दिसंबर : हिमाचल प्रदेश सरकार ने सरकारी भूमि पर बने देवी-देवताओं के मंदिरों के लिए आधा बीघा भूमि देने की घोषणा की है। जिसके चलते जिला मंडी में भी प्रशासन के द्वारा सरकार के दिशा-निर्देशों पर इसके लिए एसओपी (SOP) बनाई गई है। एसओपी के प्रचार के लिए सर्व देवता समिति जिला मंडी ने अपने सभी सात खंडों में बैठकें आयोजित की। इस अवसर पर 400 के करीब देवी-देवताओं के कारदारों ने भाग लिया।
बैठकें सदर मंडी, बल्ह, सनोर-बदार, चौहार, चच्योट, बालीचौकी व थुनाग में आयोजित की गई। सभी कारदारों को देवताओं के नाम होने वाली आधा बीघा भूमि की एसओपी के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। इस दौरान सभी देवताओं के कारदारों ने इस घोषणा के लिए हिमाचल प्रदेश की मौजूदा सरकार का आभार जताया। देवता समिति खंड की बैठकों में शिवरात्रि मेला के लिए पंजीकृत व गैर पंजीकृत देवी-देवताओं के कारदारों ने भी बढ़चढ़ कर भाग लिया। आधा बीघा भूमि की एसओपी के प्रचार की अंतिम बैठक बालीचौकी में आयोजित की गई।
सर्व देवता समिति के प्रधान शिवपाल शर्मा ने बताया कि प्रदेश सरकार की इस घोषणा के बाद देव समाज में खासा उत्साह है। उन्होंने सरकार से मांग उठाई है कि आने वाले शिवरात्रि महोत्सव से पहले सरकार अपनी घोषणा को पूरा करे, ताकि दुगनी खुशी के साथ देवलु इस महोत्सव को बनाए। इसके साथ ही उन्होंने नई पीढ़ीयों के नवयुवकों को देव नीति के संस्कार के बारे में भी जानकारी देने का आहवान किया, ताकि नई पीढ़ी भी देव संस्कृति को यथावत रखने में अपना सहयोग दें।
बता दें कि मंडी जिला में अधिकतर देवी-देवताओं के स्थान या मंदिर सरकारी भूमि पर बने हैं, जिन्हें प्रदेश सरकार की ओर से मिलने वाली भूमि से व्यवस्था बनाने में लाभ मिलेगा। बैठक में सुरेंद्र गुलेरिया, हेम राज, तीर्थ राज, गोविंद ठाकुर, लेख राज पटियाल, भीम देव, वेद राम, मोहन लाल, मस्त राम, बाला राम, किशन चंद, भगत राम, नेशर सिंह, भुमे राम, सतीश राणा आदि ने भाग लिया।