शिमला, 20 नवंबर : राजधानी में नगर निगम को दिया चैक यदि बाउंस होता है तो अब 1000 की पेनल्टी देनी पड़ेगी। नगर निगम शिमला को लोग भवन पर संपत्ति कर, कूड़े के बिल से लेकर अन्य तरह का भुगतान चेक के माध्यम से कर देते थे, इनमें से कुछ चैक बाउंस हो जाते थे। इसके बावजूद निगम इन पर कोई कार्रवाई नहीं कर पाता था। बैठक में निगम की आय बढ़ाने को लेकर मेयर व डिप्टी मेयर के संम्मेलन में आए प्रस्ताव को भी स्वीकृति प्रदान की गई। शहर में खाली पड़ी जमीनों का रिकॉर्ड भी निगम ने तलब किया है।

नगर निगम महापौर सुरेंद्र चौहान ने कहा कि निगम की सोमवार को वित्त कमेटी की बैठक में यह प्रस्ताव लाया गया कि नगर निगम को यदि भविष्य में कोई चेक देता है तो चैक पर एक हजार रुपये पेनल्टी लगाई जाएगी। साथ ही चैक की राशि का एक फीसद जुर्माने के रूप में वसूलने की व्यवस्था की है। जुर्माने की अधिकतम राशि एक हजार से ज्यादा नहीं होगी।
उन्होंने कहा कि शहर में बैंच लगाने व व्हील चेयर व सड़कों को खुला करने के लिए 60 लाख रुपए के एस्टीमेट भी पास किए गए हैं। इन सब के लिए फंडिंग सतलुज जल विद्युत निगम के माध्यम से नगर निगम को दी जानी है। उन्होंने कहा कि यह मसला जल विद्युत निगम प्रबंधन के समक्ष उठाया था। प्रबंधन ने पत्र भेजकर निगम से एस्टीमेट की मांग की है इसमें निगम प्रबंधन से एस्टीमेट मांगे हैं, ताकि इन कार्यों को करवाया जा सके।
वहीं महापौर सुरेंद्र चौहान ने कहा कि गत दिनों आयोजित किए गए मेयर और डिप्टी मेयर के सम्मेलन में आए प्रस्ताव को वित्त कमेटी ने मंजूरी दे दी है। अब शनिवार को होने वाली निगम की मासिक बैठक में यह प्रस्ताव लाया जाना है ताकि सम्मति सभी पार्षदों की बने और उसे शहर में लागू किया जा सके। वहीं उन्होंने कहा कि निगम की आय को बढ़ाने के लिए खाली पड़ी जमीन का पूरा प्रस्ताव निगम की बैठक में लाने के लिए कहा गया है।