बिलासपुर, 02 नवंबर : गोवा में 5 से 9 नवंबर तक होने वाली राष्ट्रीय खेलों की हैंडबॉल स्पर्धा में भाग लेने के लिए चयनित हिमाचल प्रदेश महिला हैंडबॉल टीम के विवाद में एक नया मामला जुड़ गया है। टीम में चयनित मोरसिंघी हैंडबॉल अकादमी की 15 खिलाड़ियों के अलावा एकमात्र खिलाड़ी को टीम में शामिल किया गया था, उसने टीम के साथ जाने से मना कर दिया है।
मंडी जिला के सुंदरनगर की जागृति ने टीम से यह कहकर किनारा कर लिया है कि उनसे बेहतर खिलाड़ी चयन समिति द्वारा टीम के बाहर कर दिए गए हैं। ऐसे में उनका जमीर टीम का हिस्सा बनने के लिए इजाजत नहीं दे रहा है। उन्होंने टीम के साथ गोवा में होने वाली राष्ट्रीय खेलों में टीम का हिस्सा न बनने का निर्णय लिया है।
जागृति का कहना है कि 30 अक्टूबर को हुए ट्रायल में ऊना, बिलासपुर मंडी तथा शिमला की खिलाड़ियों ने बहुत बेहतरीन प्रदर्शन किया था। इसके अतिरिक्त यह खिलाड़ी राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में भी खेले थे। इन्ही खिलाड़ीयों के दम पर पिछले वर्ष राष्ट्रीय सीनियर एवं जूनियर हैंडबॉल प्रतियोगिताओं में भी हिमाचल की हैंडबॉल टीम क्वार्टर फाइनल में पहुंची थी। इन दोनों प्रतियोगिताओं में मोरसिंघी की हैंडबॉल नर्सरी की एक भी खिलाड़ी शामिल नहीं थी क्योंकि उन्होंने इसके लिए आयोजित हुए ट्रायल तथा राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में हिस्सा ही नहीं लिया था।
जागृति का कहना है कि होना तो यह चाहिए था कि राष्ट्रीय खेल जैसी प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में मोरसिंघी की हैंडबॉल अकादमी तथा प्रदेश के बाकी खिलाड़ियों को मिलाकर एक बेहतरीन टीम का चयन किया जाता। लेकिन केवल मात्र एक अकादमी की 15 खिलाड़ियों को इसमें शामिल कर प्रदेश की कई उच्च कोटि की महिला खिलाड़ियों को टीम से बाहर रखा गया है।
जागृति का यह भी कहना है कि इस समय राष्ट्रीय स्तर पर हैंडबॉल फेडरेशन ऑफ इंडिया तथा हैंडबॉल एसोसिएशन ऑफ इंडिया नाम की दो संस्थाएं आपस में झगड़ रही है। जिसके चलते इस राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लेने आ रही सभी राज्यों की टीमें भी 2 धड़ों में बंटी हुई हैं। मोरसिंघी हैंडबॉल अकादमी की संचालिका स्नेहलता को यह पता था कि ऐसे में राष्ट्रीय खेलों में अन्य राज्यों की कमजोर टीमों के अपेक्षा हिमाचल की टीम का पदक जीतना तय है। इसीलिए स्नेहलता ने षड्यंत्र रचकर ख़ुद को पहले तो चयनकर्ता बनवाया और उसके बाद अपने ही अकादमी की 15 लड़कियों को टीम में ले लिया।
जागृति का कहना है कि उन्हें टीम में लेकर प्रदेश के बाकी खिलाड़ियों को दरकिनार कर दिया। उन्होंने कहा कि उनसे कई बेहतर खिलाड़ी टीम से बाहर बैठी हैं। ऊना की गोलकीपर मानसी राजपूत ने ट्रायल के पहले राउंड में जबरदस्त प्रदर्शन किया तो चयनकर्ताओं ने उसे दूसरे राउंड में शामिल ही नही किया। ऐसे में वह न तो इस टीम का हिस्सा बनना चाहती हैं और न ही किसी ऐसे पदक को जीतना चाहती हैं जिसकी बुनियाद उम्दा खिलाड़ियों की बलि दे कर रखी गई हो।