सोलन, 30 अक्तूबर : हिमाचल प्रदेश की “सोलन पुलिस” ने फर्जी कॉल सेंटर ( fake call center) का भंडाफोड़ (Busted) किया है। कॉल सेंटर (Call Centre) में आरोपी कनाडा (Canada) का वीजा (Visa) दिलावाने की आड़ में गैर क़ानूनी तरीके से वसूली कर रहे थे। पुलिस ने कॉल सेंटर में दबिश देकर तीन आरोपियों को गिरफ्तार (Arrested) किया है। मौके से तीन लैपटॉप (Laptop) सहित 7 मोबाइल फ़ोन (Mobile Phone) बरामद किए है।
आरोपी कनाडा में नौकरी दिलवाने का लालच देकर पैसे ऐंठ रहे थे। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर गहनता से जांच शुरू कर दी है। पुलिस (Solan Police) को फर्जी कॉल सेंटर की संदिग्ध गतिविधियों की गोपनीय सूचना मिली थी। धर्मपुर में अस्पताल मार्ग पर अवैध रूप से चलाये जा रहे कॉल सैंटर में पुलिस ने टीम गठित करने के बाद रेड की। पुलिस को मौके पर कॉल सेंटर में 3 लड़के हाजिर मिले। तीनों ने बताया कि वह कनाडा जाने के इच्छुक व्यक्तियों का वीजा( VISA) लगाने का काम करते है। इसके लिए तीनों आरोपियों ने 4 स्थानीय लड़कियों को भी काम पर रखा हुआ था।
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पुलिस ने जब गहनता से जांच की तो पाया कि कॉल सेंटर को सरकार द्वारा मान्यता नहीं दी गई है। रजिस्ट्रेशन भी नहीं करवाई गई थी। आरोपी “SAFIRAN CORPORATION”के बैनर तले अपनी ID व ऑफिस का संचालन कर रहे थे। पुलिस द्वारा बरामद मोबाइल व लैपटॉप की जब जांच की गई तो पाया कि आरोपियों ने हजारों लोगों से संपर्क स्थापित किया हुआ था। आरोपियों से बरामद पांच नोटबुक में 600 से ज्यादा लोग ऐसे पाये गए, जिनसे करोड़ों रुपए की ठगी को अंजाम दिया गया था। आरोपियों की पहचान गुरप्रीत (24) सिंह, गुरप्रीत सिंह (24) व इन्द्रजीत सिंह (22) निवासी बठिंडा पंजाब के रूप में हुई है।
तीनों आरोपी पंजाब के रहने वाले है। आरोपियों ने धर्मपुर क्षेत्र में जाली मोबाइल सिम कार्ड के आधार पर जालसाजी की दुकान खोली हुई थी। आरोपी कनाडा में ड्राइवर, हेल्पर, मैकेनिक, इलेक्ट्रीशियन, अकाउंटेंट, शेफ, डाइनिंग सुपरवाईज़र, फैक्ट्री वर्कर, बिज़नेस आदि की नौकरी का लालच दे रहे थे। आरोपियों ने फ़ेसबुक पेज (faceBook Page) भी बनाए हुए थे, जिसके माध्यम से भी ग्राहकों को संपर्क किया जाता था।
आरोपी बाहरी देशों ओमान, सऊदी अरब, बांगलादेश, पाकिस्तान आदि में रहने वाले भारतीय लोगों से संपर्क करते थे। इनमें से कनाडा जाने के इच्छुक लोगों को भी जाल में फंसा लेते थे। शिमला -कालका शिमला हाईवे पर स्थित धर्मपुर (Dharampur) में कॉल सेंटर चलाने के लिए चार स्थानीय लड़कियों को भर्ती किया, हरेक लड़की (girl) को दस हजार रुपये प्रतिमाह वेतन दे रहे थे। जांच में सामने आया है कि फर्जी कॉल सेंटर की शुरुआत कुछ महीने पहले होने की वजह से इसके बारे ज़्यादा शिकायत (Complaint) नहीं मिली थी।
आरोपी फर्जीवाड़ा करने में करीब तीन महीने तक पीड़ित (Victim) को उलझा कर रखते है। पत्रकारों से बातचीत में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक योगेश रोल्टा ने बताया कि पुलिस मामले की गहनता से जांच कर रही है साथ ही ये पता लगाने की कोशिश हो रही है कि कितने लोगो से ठगी हुई है।