नाहन, 22 अक्तूबर : हाटी आरक्षण बिल को लेकर गुर्जर समुदाय ने एक बार फिर विरोध के स्वर उठाए है।सिरमौर के गुर्जर समुदाय के कुछ लोगों को हाटी समुदाय की सही जानकारी ही नहीं है। प्रेस वार्ता करने वाले गुर्जर भाइयों को पहले हाटी इतिहास पढ़ कर उचित जानकारी जुटानी चाहिए। यह बात पांवटा साहिब में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान हाटी समिति के सदस्यों ने कही।
पत्रकारों को संबोधित करते हुए हाटी साहित्य एवं संस्कृति विशैषज्ञ कर्नल नरेश चौहान, हाटी समिति पांवटा इकाई महासचिव गुमान सिंह वर्मा, ओबीसी इकाई प्रभारी शिवानंद शर्मा, लायक राम शास्त्री व जयपाल ठाकुर ने बताया कि हाटी बिल कभी रिजेक्ट नहीं हुआ। कुछ आपत्तियां जरुर फाइल में आई, जिसे पूरा कर फ़ाइल को कई बार भेजा गया।
एसटी सर्टिफिकेट का हक मिलने पर गिरिपार के युवा अधिक नौकरियां हासिल कर सकते हैं। कुछ लोगों द्वारा अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने को लेकर कभी एससी तो कभी गुर्जर भाइयों का इस्तेमाल किया जा रहा है। जिसमें हाटी समुदाय व गुर्जर समुदाय के भाइयों को आपस में लड़ाने के प्रयास हो रहे है।
प्रेस वार्ता में नरेश चौहान ने कहा कि देश के राष्ट्रपति, लोकसभा व राज्यसभा (दो तिहाई बहुमत से) से संवैधानिक रूप से पारित हाटी जनजाति वाले विधेयक पर कुछ लोगों के ऐसे सवाल उठाना ही तर्क संगत नहीं है। मनुस्मृति, हिमाचल गजेडियर, भगानी युद्ध इतिहास, गूगल पर भी हाटियों का सदियों पुराना (खश) इतिहास व अन्य जानकारी मैप सहित दर्ज है।
हाटी समिति के सदस्यों ने प्रदेश सरकार व मुख्यमंत्री से भी आग्रह किया है कि जल्द एसटी को उनका हक प्रदान करें। गिरिपार में वर्ग संघर्ष आग की तरह फैली, तो हालात पर काबू रखना कठिन होगा। क्योंकि नौकरियों के लिए नोटिफिकेशन धड़ाधड़ जारी हो रहे। लेकिन एसटी के युवाओं को सर्टीफिकेट प्रदान करने में देरी हो रही है। ऐसे में ज्यादा देर करने पर गिरिपार क्षेत्र को शिक्षित युवा शक्ति के रोष को रोक पाना कठिन हो जाएगा। इसके अलावा कहा कि हाटी समिति अपने क्षेत्र व बच्चों के हक के लिए अंतिम सांस तक लड़ेंगी।