उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की मांग को पूरा करने में कुछ टैक्निकल इशू जरूर हैं लेकिन ऐसा भी नहीं कि इसका कोई समाधान नहीं निकाला जा सकता। उन्होंने कहा कि मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे कर्मचारियों को नौकरी से बाहर निकालना दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकार को अपने फैसले को वापिस लेना चाहिए।
जयराम ठाकुर ने कहा कि सत्ता से बाहर रहते हुए कांग्रेस के नेता खुद को कर्मचारी हितैषी बताने से गुरेज नहीं करते थे। लेकिन आज 10 महीनों में इन्हीं नेताओं की सरकार ने 10 हजार से ज्यादा कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया है जिसमें अधिकतर आउटसोर्स के कर्मचारी शामिल हैं।
कांग्रेस को इस बात को समझना होगा कि कर्मचारी अक्सर अपनी मांगों को लेकर हड़ताल करते हैं और आंदोलन करते रहते हैं। लेकिन कर्मचारियों के साथ इस तरह का व्यवहार करना और उन्हें बाहर का रास्ता दिखाना, यह किसी भी लिहाज से उचित नहीं है। इससे पहले उन्होंने बालीचौकी में मेरी माटी मेरा देश, वीरों को वंदन कार्यक्रम में भी शिरकत की और शूरवीरों को सम्मानित भी किया।