नाहन, 14 अक्टूबर : घर पर बच्चा अगर परीक्षा में बेहतर अंक लाता है या फिर टॉपर बनता है तो वो हमेशा माता-पिता से एक उपहार की उम्मीद करता है। छोटे बच्चे तो उपहार (gift) के लिए जिद भी करते हैं….अब, अगर छोटे से पहाड़ी प्रदेश (Hill State) हिमाचल की बेटियां विदेशी धरती से टॉपर(Topper) बनकर लौटी हो तो निश्चित ही वो सरकार से उपहार की उम्मीद करेंगी।
हालांकि अन्य राज्यों में एशियाई व ओलंपिक खेलों में पदक जीतने पर पुरस्कार नकद राशि हिमाचल (Himachal) की तुलना में कई गुणा अधिक है, लेकिन उपहार को कीमत में नहीं तोला जा सकता है। एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक लेकर लोटी भारतीय महिला टीम की कप्तान अन्य खिलाड़ी एक खास उपहार की उम्मीद कर रही है।
सरकार ने गोल्ड मेडलिस्ट (Gold Medalist) हिमाचली खिलाड़ियों को 15-15 लाख देने की घोषणा की है। लेकिन, भारतीय महिला कबड्डी टीम (Indian Women Kabaddi Team) की कप्तान रितु नेगी (Reetu Negi) उपहार के तौर पर चाहती है कि शिलाई (Shillai) में एक खेल छात्रावास (Sports Hostel) का निर्माण हो, जिसमें कबड्डी (Kabaddi) को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। साथ ही एक दो अन्य खेलों (Sports) को भी शामिल किया जाए। उनका कहना था कि उनके लिए यह उपहार बेश्कीमती होगा। क्योंकि आने वाले समय में सिरमौर की उम्दा खिलाड़ियों को कोसों दूर धर्मशाला या फिर बिलासपुर नहीं जाना पड़ेगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह “सुक्खू” से ये अनूठा उपहार मांग कर “रितु नेगी” ने हर किसी को आश्चर्यचकित भी किया है। यदि,स्पोर्ट्स हॉस्टल बनता है तो एक समय ऐसा भी आ सकता है जब पूरी भारतीय महिला टीम “शिलाई” से ही हो।
मोबाइल पर सबसे पहले पाएं हिमाचल की ताजा खबरें, यहां क्लिक कर ज्वाइन करें हमारा WhatsApp Group
एमबीएम न्यूज नेटवर्क (MBM NEWS NETWORK) से रितु नेगी ने लंबी बातचीत की। इस दौरान रितु नेगी ने कहा कि यह बेहद ही गर्व की बात है कि हिमाचल से पांच खिलाड़ी वो स्वर्ण पदक लेकर लौटी हैं, जिसने एशियाई खेलों में एक इतिहास (History) बनाया है। नेगी ने कहा कि ये वो पदक है, जिसने भारत को मेडल तालिका (Medal Tally) में 100 का आंकड़ा प्राप्त किया था। उनका कहना था कि उन्हें लगता है कि पुष्पा राणा और सुषमा भी यही चाहती हैं कि शिलाई में खेल छात्रावास खोला जाए। आपको बता दें कि मंत्री हर्षवर्धन चौहान का शिलाई गृह निर्वाचन क्षेत्र है। ऐसे में सरकार के लिए हर बेटियों को छात्रावास का उपहार देने में कोई खास परेशानी नहीं आनी चाहिए।
सवाल-जवाब का सिलसिला..
प्रश्न: क्या, आपको अंदाजा था… देश के लिए 100वां पदक जीतने जा रहे हो?
जवाब: हम जब फाइनल मैच खेलने जा रहे थे तो ये पता था कि भारत ने 96 मेडल जीत लिए है। फाइनल मैच में जीतने के बाद पता चला कि गोल्ड मेडल के रूप में देश के लिए 100वां पदक हासिल किया है। इसके बाद जीत की ख़ुशी 100 गुणा बढ़ गई थी।
प्रश्न: हिमाचल की बेटी व हरियाणा की बहु की कप्तानी में देश को गोल्ड मेडल मिला।
जवाब: मुस्कुराते हुए, हिमाचल में बेटी के नाते प्यार मिला तो हरियाणा ने भी खूब प्रोत्साहित किया।
प्रश्न: सुना है, आपको शादी के लिए भी छुट्टी नहीं मिली थी।
जवाब: ठीक सुना है, हालंकि तब एशियाई गेम्स कोविड की वजह से स्थगित हो गए थे, लेकिन चार दिन की छुट्टी में शादी करने के बाद कैंप में लौट गई थी। 16 साल से कबड्डी खेल रही हूं ,अब जाकर मेहनत का फल मिला है।
प्रश्न:आपके घर तक बस भी नहीं जाती थी।
जवाब: मैं ऐसे क्षेत्र से ताल्लुक रखती हूँ, जहां कुछ अरसा पहले ही बस पहुंची थी। कबड्डी खेलने के लिए परिवार को सीमित संसाधनों के बावजूद शिलाई शिफ्ट करना पड़ा था।
प्रश्न: देश को 100वें पदक के तौर पर जब गोल्ड मैडल मिला तो खिलाड़ियों की मैदान में क्या प्रतिक्रिया थी।
जवाब: अरे सर ! आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते, क्योंकि ये एक गोल्ड मेडल नहीं था बल्कि भारत के इतिहास में दर्ज होने वाला क्षण था क्योंकि ये देश के लिए 100वा पदक था।
प्रश्न: हिमाचल के मुख्यमंत्री को क्या सन्देश देना चाहती है?
जवाब: भारतीय महिला कबड्डी टीम में देश की 12 खिलाड़ी खेल रही थी, जिसमें पांच हिमाचल से थी। तीन का ताल्लुक सिरमौर के गिरिपार इलाके से है। खिलाड़ियों के प्रोत्साहन के लिए सरकार को आगे आना चाहिए। चाहती हूं, शिलाई में एक स्पोर्ट्स हॉस्टल खोला जाए। इलाके की लड़कियों में कबड्डी को लेकर जबरदस्त उत्साह है, एक समय वो भी आ सकता है जब पूरी भारतीय महिला कबड्डी की टीम शिलाई से हो। स्पोर्ट्स हॉस्टल हमारे लिए सरकार का शानदार उपहार होगा।
प्रश्न: फाइनल मुकाबले से पहले क्या कोई दबाव था?
जवाब: चीनी ताइपे से ग्रुप मैच ड्रॉ हो गया, इसके बाद ये प्रतीत हो रहा था कि फाइनल में चीनी ताइपे से ही मुकाबला होगा, लिहाजा रणनीति में बदलाव किया। विरोधी टीम को बोनस अंक हासिल करने से रोका। निश्चित तौर पर दबाव तो होता ही है। एक तिल बराबर गलती की गुंजाइश नहीं होती है।
प्रश्न: मुकाबले शुरू होने से पहले आपको ईरान की टीम मजबूत लग रही थी।
जवाब: Actually, हम ईरान की टीम को मजबूत समझ रहे थे। पिछली बार फाइनल में ईरान ने ही हराया था, लेकिन इस बार चीनी ताइपे की टीम काफी मेहनत करके आई थी।
प्रश्न: फाइनल के हाफ टाइम में टीम आगे चल रही थी, लेकिन बाद में क्या हुआ, मात्र एक अंक से जीत मिली।
जवाब: देखिये, अतिआत्मविश्वास गलत होता है। मैच में उतार-चढ़ाव आ रहे थे। कोच ने टाइम आउट लेकर ऐसा जोश भरा कि मैच के अंतिम सेकंड तक भी टीम पूरी तरह से चार्ज थी।
प्रश्न: भविष्य की योजना क्या है।
जवाब: आने वाली प्रतियोगिताओं पर फोकस करना है।
प्रश्न: आपके पति भी कबड्डी खिलाड़ी है, उन से कैसा सहयोग मिला?
जवाब: ससुराल वालों ने एक बेटी की तरह प्यार दिया। पति रेडर है, जबकि मैं डिफेंडर हूं.. पति से हमेशा ही जीत के लिए सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।
एमबीएम न्यूज़ नेटवर्क से बातचीत पर धन्यवाद
रितु …धन्यवाद