राजगढ़, 6 अगस्त : सिरमौर जिला राजगढ़ क्षेत्र की बेटी “हिमांशु चौहान” ने राष्ट्रीय स्तर की ग्रेजुएट एप्टीचयूड टेस्ट इन इंजीनियरिग (GATE) की परीक्षा प्रथम प्रयास में उत्तीर्ण कर क्षेत्र व माता-पिता का नाम रोशन किया है। गेट की परीक्षा पास करने के उपरांत हिमांशु चौहान का आर्किटेक्चर में स्नातकोत्तर (Masters in Architecture) की शिक्षा ग्रहण करने के लिए देश के शीर्ष संस्थान योजना तथा वास्तुकला विद्यालय दिल्ली (SPA) में चयन हुआ है। जहां हिमांशु चौहान को करीब साढ़े 14 हजार प्रतिमाह छात्रवृति(Scholarship) भी मिलेगी।
बता दें कि पूरे देश में केवल तीन योजना तथा वास्तुकला विद्यालय ((School of Planning and Architecture) दिल्ली, भोपाल और वियजवाड़ा में कार्यरत है। जहां पर दाखिला पाने के लिए युवा को कठिन परीक्षा से गुजरना पड़ता है। ग्रामीण परिवेश की बेटी द्वारा राष्ट्रीय स्तर की ग्रेजएट एप्टीचयूड टेस्ट इन इंजीनियरिग (gate) की परीक्षा पास करना बड़ी उपलब्धि है। हिमांशु चौहान राजगढ़ (Rajgarh) की मूल निवासी है। पिता प्रेमचंद स्कूल में हैडमास्टर और माता सरला देवी स्कूल में सीएचटी के पद पर कार्यरत है। बता दे कि पहली ही कोशिश में GATE परीक्षा उत्तीर्ण करने पर हिमांशु का दिल्ली, भोपाल व जामिया मिलिया इस्लामिया केन्द्रीय विश्वविद्यालय (Centra lUniversity) में चयन हुआ,लेकिन हिमांशु ने दिल्ली को चुना है।
होनहार बेटी हिमांशु ने आर्किटेक्चर (Architecture)में स्नातक डिग्री राजीव गांधी इंजीनियरिग कॉलेज कांगड़ा से हासिल की है। इसके उपरांत गेट की परीक्षा(GATE EXAM) की तैयारी में जुट गई और प्रथम प्रयास में परीक्षा पास करने पर हिमांशु का चयन तीन शीर्ष संस्थान एसपीए दिल्ली , भोपाल और जामिया मिलाया इस्लामिया केंद्रीय विश्वविद्यालय में हुआ है, परंतु हिमांशु ने एसपीए दिल्ली को चुना। हिमांशु ने अपनी सफलता का श्रेय आरजीजीईसी(RGGEC) कांगड़ा के विभागीय प्रमुख सतीश कटवाल व संकाय के प्राध्यापकों तथा अपने माता-पिता को दिया है।
साक्षात्कार में हिमांशु ने बताया कि वह अपनी छोटी बहन कृति चौहान को अपना प्रेरणा स्त्रोत मानती है, जो दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) के प्रतिष्ठित सेंट स्टीफन कॉलेज (St Stephen College) में शिक्षा ग्रहण कर रही है। जबकि हिमांशु की जुड़वा बहन हिमानी ने इसी वर्ष पंजाब विश्वविद्यालय (Punjab University) से जीव विज्ञान में मास्टरर्स डिग्री की है।
हिमांशु की इस उपलब्धि के लिए पिता प्रेम चौहान व माता सरला ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि घर में तीन बेटियां अनमोल रत्न है, जिन्होने समाज को यह बात बता दी कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में बेटा-बेटी एक समान है। प्रेम चौहान का कहना है कि होनहार बेटियों पर गर्व है, जिन्होने प्रतिभा से यह मुकाम हासिल किया है। उन्होने बताया कि “बचाओ बेटी पढ़ाओं” के नारे को सार्थक करने के लिए सभी को अपनी बेटियों को पूरा अवसर देना चाहिए। आपको बता दे कि तीन बहनों की तिकड़ी संगीत (Music) में भी खासी महारत रखती है।