नाहन, 27 जुलाई : शिलाई उपमंडल के जरवा में सड़क निर्माण की आड़ में कथित गोलमाल का मामला प्रशासन के संज्ञान में लाया गया है। गुरु गोरख नाथ गुगा पीर समिति चियाठी भंगाडी का एक प्रतिनिधिमंडल सिरमौर मुख्यालय पहुंचा। इस दौरान प्रशासन के अलावा संबंधित विभागों के अधिकारियों को विस्तृत शिकायतपत्र सौंपा।
प्रतिनिधिमंडल के मुताबिक सोलन-मिनस मार्ग पर रिछोलिया खाले से चियाठी भंगाड़ी व कांडो लाणी सड़क का निर्माण प्रस्तावित था। अगस्त 2017 में सड़क निर्माण के लिए राशि स्वीकृत हुई थी। खाले से कार्य को आरंभ किया गया। 5-7 दिन जेसीबी चलाई गई। इसके बाद जेसीबी को कांडो लाणी ले जाया गया। अगस्त 2017 से जुलाई 2023 तक केवल डेढ़ किलोमीटर सड़क का निर्माण किया गया। इतने से कार्य में पंचायत व शिलाई विकास खंड द्वारा 22 लाख रुपए की राशि खर्च कर दी गई।
प्रतिनिधिमंडल के मुताबिक 20-22 लाख की राशि में रिछोलिया खाले से चियाठी भंगाड़ी होकर कांडो लाणी तक सड़क का निर्माण हो सकता था। ग्रामीणों ने कहा कि दुख इस बात का है कि सड़क के निर्माण के लिए अपनी जमीनें दान की। सरकारी राशि को तो डकार लिया गया, साथ ही जमीनों का दान भी बेमानी कर दिया गया।
ग्रामीणों का आरोप है कि बजट लेने के लिए उनकी जमीनों की डीड का इस्तेमाल किया गया। ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत व खंड विकास अधिकारी कार्यालय के बार-बार चक्कर लगाने के बावजूद भी न्याय नहीं मिला तो मजबूरन किराए की राशि जुटाकर मुख्यालय पहुंचने पर विवश होना पड़ा।
ग्रामीणों का कहना है कि 24 अप्रैल 2023 को भी ये मामला तत्कालीन उपायुक्त के संज्ञान में लाया गया था। बीडीओ कार्यालय द्वारा ग्राम पंचायत सचिव को तलब भी किया गया था। एक मई 2023 को जरवा व डाहर पंचायत के सचिवों को रिकॉर्ड उपलब्ध करवाने के आदेश दिए गए थे, लेकिन रिकॉर्ड नहीं दिया गया। ग्रामीणों का कहना है कि अब रोड़ बनाने के लिए जेसीबी के तेल के बहाने हर घर से 5 हजार रुपए एकत्रित किए जा रहे हैं। तकरीबन 45 हजार रुपए की वसूली की जा चुकी है। 25 मई 2023 को भी समिति द्वारा शिकायत की गई थी।
खास बात ये है कि अनुसूचित जाति को बजट में कथित घोटाला कर मूलभूत सुविधा से वंचित किया गया है। मोहन सिंह, बस्ती राम, बलबीर सिंह, दीप राम, सुरेश कुमार, नत राम, सालिक राम, भरत सिंह, सुंदर सिंह, कल्याण सिंह, चिकाडू राम व शेर सिंह इत्यादि ने प्रशासन से शीघ्र अति शीघ्र उचित जांच करवाने की मांग की है, ताकि जिन व्यक्तियों ने सड़क निर्माण में अपने हिस्से की जमीन विभाग को दी है, उन्हें लाभ मिल सके।