शिमला, 25 जुलाई : यदि, आपको कैंसर (Cancer) से पीड़ित होने का पता चलता है तो उपचार शुरू होने से पहले पुरुषों द्वारा शुक्राणु (Sperm) व महिलाओं द्वारा एग्स (Eggs) को फ्रिज करवाया जा सकता है। ऐसे किए जाने पर प्रजनन क्षमता (fertility) बरकरार रह सकती है। दरअसल, कैंसर के उपचार के दौरान सर्जरी में अंडकोष को शल्य चिकित्सा द्वारा हटाया जाना भी शामिल होता है। इससे पुरुषों के शुक्राणु उत्पादन में बाधा आने के बाद प्रजनन क्षमता पर असर पड़ता है।
कीमोथेरिपी (chemotherapy) भी पुरुषों व महिलाओं के वीर्य व एग्स की गुणवत्ता पर असर डालती है। रेडियोथेरिपी (radiotherapy) से भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ऐसे में शुक्राणुओं व एग्स की फ्रिजिंग कई मायनों में अहम हो जाती है। सब कुछ ठीक ठाक रहने के बाद महिला गर्भधारण कर सकती है या भ्रूण को भी विकसित करवाया जा सकता है।
दरअसल, हाल ही में राज्य के पहले ‘अरिवा’ आईवीएफ सुपर स्पेशलिटी सेंटर शिमला (Arriva) ने स्थापना की पहली वर्षगांठ मनाई। इस दौरान निसंतान दंपत्तियों के अलावा कैंसर रिपोर्ट होने वाले पुरुषों व महिलाओं को जागरूक करने का सफल प्रयास किया गया। सेंटर द्वारा आयोजित प्रजनन अनुभूति (#Fertivibe) कार्यशाला का आयोजन एक निजी होटल में किया गया था। इस दौरान कैंसर विशेषज्ञों व प्रजनन क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों ने उपस्थिति दर्ज की।
ये भी संभव…
विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूद समय में देर से शादी करने का चलन भी बढ़ रहा है। एक उम्र के बाद पुरुषों व महिलाओं की प्रजनन क्षमता कम होने लगती है। ऐसे में शुक्राणुओं व एग्स को फ्रिज करवाकर रखा जा सकता है। गौरतलब है कि पहाड़ी प्रदेश के पहले आईवीएफ सेंटर की संस्थापक डॉ. योगिता डोगरा गायनी के क्षेत्र में एक नामी शख्सियत हैं। समूचे देश में फर्टिलिटी से डीएम करने वाली पहली चिकित्सक हैं।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान दिल्ली (AIIMS Delhi) से डीएम की पढ़ाई पूरी करने के बाद ही डॉ. योगिता डोगरा ने पहला आईवीएफ सेंटर (IVF Centre) एक साल पहले शुरू किया था। निसंतान दंपत्तियों के लिए सकारात्मक परिणाम भी सामने आए हैं।
बता दें कि चंद महीने पहले दिल्ली हाईकोर्ट में एक अनोखा मामला सामने आया था। यहां माता-पिता ने बेटे के शुक्राणु देने की मांग की थी। 2020 में बेटा कैंसर से पीड़ित हुआ था। कीमोथेरेपी से पहले मरीज को सिमन सुरक्षित रखने की सलाह दी गई थी, क्योंकि इससे बांझपन हो सकता था।
ये बोली डॉ. योगिता…
एक खास बातचीत के दौरान डॉ. योगिता डोगरा का कहना था कि शुक्राणु व एग्स को फ्रिज करवाना एक सही निर्णय होता है। उनका कहना था कि सेंटर में बेहद ही रियायती दरों पर ये सुविधा उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि फर्टिलिटी प्रिजर्वेशन (fertility preservation) थीम पर हाल ही में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें आईजीएमसी (IGMC) के ओबीजी, यूरोलॉजी, रेडियोथेरैपी व ऑन्कोलॉजी (oncology) सहित विभिन्न विभागों के 100 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया था।
उनका कहना था कि सोलन, मंडी, बिलासपुर, हमीरपुर व रोहडू इत्यादि क्षेत्रों से पहुंचे स्त्री रोग विशेषज्ञों व सर्जन से मौके पर मिलना बेहद ही उत्साहजनक था। उन्होंने आईजीएमसी की प्रिंसिपल व डीएमई प्रो. सीता ठाकुर, गेस्ट ऑफ ऑनर डॉ. रजनीश पठानिया, डॉ. अतुल शर्मा, डॉ. रशपाल सिंह इत्यादि का सहयोग पर आभार जताया।