बिलासपुर, 24 जुलाई : कारगिल युद्ध के नायक परमवीर चक्र विजेता सूबेदार मेजर संजय कुमार को आसमान (Sky) में एक खास सम्मान मिला। पुणे (Pune) की यात्रा के दौरान इंडिगो एयरलाइन (Indigo Airline) ने रविवार को एक उड़ान (Flight) में परमवीर चक्र ( Paramveer Chakra) पुरस्कार विजेता सूबेदार मेजर संजय कुमार की गर्व से मेजबानी की।
पैसेंजर केबिन (Passenger Cabin) में कैप्टन ने घोषणा की, “आज, हमारे साथ एक बहुत ही खास व्यक्ति हैं… हमारे साथ परमवीर चक्र प्राप्तकर्ता सूबेदार मेजर संजय कुमार जी हैं,” जिससे पूरे केबिन में तालियां गूंज उठीं।
सूबेदार मेजर संजय कुमार 1999 में भारत और पाकिस्तान के बीच लड़े गए कारगिल युद्ध (kargil War) के दौरान वीरता के लिए परमवीर चक्र पाने वाले 21 सैनिकों में से एक हैं। एयरलाइन ने सूबेदार मेजर की असाधारण बहादुरी का सम्मान करते फ्लाइट एक संदेश जारी किया साथ ही राष्ट्र के लिए उनकी सेवाओं को लेकर प्रेरक परिचय (Motivational introduction) साझा किया।
एयरलाइन (Airline) द्वारा साझा किए गए वीडियो में, फ्लाइट कैप्टन ने कुमार का उड़ान में स्वागत किया, जबकि अन्य यात्रियों ने तालियों (applause) के साथ उनकी प्रशंसा की। इस मौके पर एयरलाइन ने राष्ट्र (Nation) के प्रति उनकी सेवा की स्मृति में कुमार को एक सांकेतिक उपहार भी दिया।
कौन हैं सूबेदार मेजर
47 वर्षीय कुमार हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर के बकैन गांव के रहने वाले हैं। जून 1996 में भारतीय सेना में भर्ती हुए और ’13 जम्मू और कश्मीर राइफल्स’ रेजीमेंट में सेवा प्रदान की। कारगिल युद्ध में असाधारण वीरता पर 04 जुलाई, 1999 को परमवीर चक्र प्रदान किया गया।
बता दें कि परमवीर चक्र युद्ध के दौरान सेवाओं के लिए सशस्त्र बलों को दिया जाने वाला भारत का सर्वोच्च सैन्य सम्मान है। सूबेदार मेजर को यह पुरस्कार “जम्मू और कश्मीर में मश्कोह घाटी (Mushkoh Valley) में प्वाइंट 4875 पर हमलावर स्तम्भ (attacking column) के एक अग्रणी टुकड़ी के रूप में उनके कार्यों (तत्कालीन राइफलमैन) के रूप में दिया गया था।
जानकारों के मुताबिक द्रास वैली (Drass Valley) की मश्कोह वैली को पाक कारगिल युद्ध से पहले अपने बेस कैंप के तौर पर चुना। यहां बर्फ (Snow) की आड़ लेकर पाक आतंकी देश में दाखिल हो गए, लेकिन किसी को भी भनक नहीं लगी थी। हालात तब और भी बदतर रिपोर्ट हुए थे, जब खुद जनरल परवेज मुशर्रफ यहां तक आ पहुंचे। विशेषज्ञ मानते हैं कि पाक का मकसद घाटी को कब्जे में लेने के बाद धीरे-धीरे कश्मीर पर कब्जा करना था।
फरवरी 2022 में उन्हें सूबेदार मेजर के पद पर पदोन्नत किया गया। कुमार परमवीर चक्र पुरस्कार के तीन जीवित प्राप्तकर्ताओं में से एक हैं। इस सूची में मानद कैप्टन बाना सिंह और सूबेदार मेजर योगेन्द्र सिंह यादव भी शामिल हैं। कारगिल युद्ध में 18 को मरणोपरांत ये पुरस्कार मिला था।