शिमला, 15 जुलाई : हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सुक्खू सरकार लोगों को आपदा में राहत के बजाय बोझ डालने का काम कर रही है। सरकार बनते ही कांग्रेस ने डीजल पर वैट का तोहफा जनता को दिया। उसके बाद दूसरा तोहफा एक हज़ार संस्थान बंद करने का और अब आपदा के भी फिर से डीजल के दाम बढ़ा दिए।
पूर्व की भाजपा सरकार ने जनता को महंगाई से राहत देने के लिए डीजल पर वैट कम कर 7 रुपए डीजल के दाम सस्ते किए थे, लेकिन अब सरकार ने जनता को महंगाई के तले दबाने वाला निर्णय लिया है जिसका असर दूसरी चीजों पर भी पड़ेगा। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल ने कहा कि डीजल के दाम बढ़ने से किसानों की कमर टूट जाएगी। फसलें भारी बारिश के कारण सड़ रही है और जो बची हुई है उन्हें मार्केट तक पहुंचाने के लिए ज्यादा किराया किसान को देना होगा। खाद्य उत्पादों के ढुलाई महंगी होगी तो दाम बढ़ेंगे, जिससे जनता पर 1500 करोड़ का सीधा बोझ डाल दिया है।
राजीव बिंदल ने कहा कि व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर महंगाई को कम करने के बजाय महंगाई बढ़ाई, गारंटी तो गायब ही हो गई है। चुनावों में महंगाई को लेकर जनता से जो वादा किया था। उसको लेकर कांग्रेस सरकार ने जनता को धोखा दिया है। गारंटी पुरी करने के लिए सरकार ने एक हजार संस्थान बंद कर दिए लेकिन गारंटी फिर भी पूरी नहीं कर रहे। सड़कों के किनारे जहां पर रेहड़ी नहीं खुल सकती वहां पर राजस्व बढ़ाने के नाम पर अहाते ठेके खोले जा रहे हैं जो प्रदेश के हित में नहीं है।