शिमला, 14 जुलाई : प्रदेश में भारी बरसात से हुई तबाही के बाद निरीक्षण करने पहुंचे विक्रमादित्य सिंह के अवैध खनन वाले बयान पर सरकार दोफाड़ नजर आ रही है। प्रदेश में हुई आपदा के लिए पीडब्ल्यूडी (PWD) मंत्री अवैध खनन को बड़ा दोषी करार दे रहे हैं। वहीं उद्योग मंत्री ने पीडब्ल्यूडी मंत्री के इस बयान को बचकाना बयान करार दिया है।
बीते दिनों प्रदेश में हुई तबाही के बाद पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह आपदा प्रभावित क्षेत्र का दौरा करने कुल्लू पहुंचे। इस दौरान विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि प्रदेश में हुई तबाही के लिए सिर्फ प्राकृतिक आपदा को जिम्मेदार कहना ठीक नहीं है। उन्होंने कुल्लू में भारी मात्रा में ई-लीगल माइनिंग (e-legal mining) की बात कही। साथ ही उसके खिलाफ एक्शन लेने की भी बात कही है।
उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि प्रदेश में नुकसान प्राकृतिक आपदा के कारण हुआ है। इसके लिए खनन को दोषी ठहराना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि खनन की छुट-पुट घटनाएं है, लेकिन इतने बड़े स्तर पर अवैध खनन नहीं है। उद्योग मंत्री विक्रमादित्य सिंह के इस बयान से सहमत नहीं है। हर्षवर्धन चौहान ने विक्रमादित्य सिंह के इस बयान को बचकाना बयान भी करार दिया है। उन्होंने इस बयान पर सवाल खड़े करते हुए पूछा कि प्रदेश के हर क्षेत्र में भारी बारिश ने नुकसान किया है। वहां पर कहां अवैध खनन किया जा रहा था।
उधर, हिमाचल को पानी रोकने की सलाह देने वाले पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (Punjab Chief Minister Bhagwant Mann) के बयान पर पलटवार करते हुए हर्षवर्धन चौहान ने इसे गैर जिम्मेदाराना और बचकाना बयान करार दिया है। बता दें कि भारी बरसात के बाद पंजाब में भी बाढ़ के हालात हैं। ऐसे में भगवंत मान ने प्रदेश सरकार पर तंज कसते हुए कहा था कि पानी पर सैस लगाने और 7 फ़ीसदी रॉयल्टी मांगने वाला हिमाचल अपना पानी रोक कर बताएं।
इस पर पलटवार करते हुए उद्योग मंत्री ने कहा कि पानी तो नीचे की ओर ही बहेगा ऐसे संकट के समय में जब भारी बरसात से बड़ा नुकसान हुआ ऐसे मुश्किल समय में मुख्यमंत्री पद पर बैठे व्यक्ति को इस तरह की बयानबाजी नहीं करनी चाहिए। हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान का यह बयान गैर जिम्मेदाराना और पूरी तरह बचकाना है।