नाहन, 01 जुलाई : हिमाचल प्रदेश के ट्रांसगिरि क्षेत्र के टिटियाना गांव में हजारों की संख्या में भक्त महासू महाराज व ठारी माता के भक्तिरस में डूबे हुए हैं। शनिवार सुबह 11 बजे के आसपास ‘सुरक्षा घेरे’ की मियाद पूरी होने के बाद दुर्लभ शांत महायज्ञ अनुष्ठान में महासू देवता व ठारी माता का आशीर्वाद लेने के लिए जनसैलाब उमड़ना शुरू हो गया। पहाड़ी इलाकों के अलग-अलग हिस्सों से शाठी व पाशी बिरादरियों की टोलियां पहुंची तो नजारा ही अलग था, क्योंकि भव्य आयोजन में शताब्दी बाद बिरादरियों का मिलन हुआ था।
आयोजन समिति भी पलक पावड़े बिछाकर स्वागत के लिए तैयार थी। वो नजारा बेहद ही दिलचस्प था, जब गांवों की टोलियां बड़े आकार के बर्तन लेकर पहुंच रही थी, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि ब्राह्मणों के घर खाली हाथ नहीं जाते। वाद्ययंत्रों व फूलों की बारिश से आंगतुकों का स्वागत किया जा रहा था। शाम के समय उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान साधारण शख्सियत के तौर पर पर्व में पहुंचे। इस दौरान मंत्री ने कहा कि तकरीबन 30 हजार लोग पहुंच रहे हैं।
टिटियाना का हरेक शख्स को सुरक्षा घेरा, शनिवार को मिलेगी गांव की सीमा से बाहर जाने की अनुमति
दुर्लभ धार्मिक अनुष्ठान का आगाज 28 जून को हो गया था, लेकिन शनिवार को महायज्ञ के दौरान का नजारा देखने वाला था। गांव में हजारों की संख्या में भीड़ को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी आयोजकों की थी।
बता दें कि 28 जून के बाद से गांव में एक भी बूंद बारिश की नहीं गिरी है। गांववासियों का कहना था कि ये बात दर्शाती है कि यदि भक्त तन-मन-धन से खुद को भगवान के समर्पित करता है तो भगवान भी हर बाधा को दूर करते हैं।
खास बात ये भी है कि 28 जून के बाद से भक्तिरस का दौर नॉन स्टॉप चल रहा है। गांव में बच्चे से बुजुर्ग तक हरेक ने स्वयं को धार्मिक अनुष्ठान के प्रति समर्पित किया हुआ है। सरकारी व निजी नौकरी के अलावा अन्य कारोबार करने वाले लोग 3-4 दिन की छुट्टियां लेकर गांव में पहुंचे हुए हैं।
शाठी व पाशी का अनोखा मिलन 120 साल बाद हो रहा है। एक शताब्दी के बाद होने वाले इस पर्व का गवाह बनने के लिए न केवल सिरमौर, बल्कि उत्तराखंड के जोनसार बावर के लोग भी टिटियाना पहुंचे हुए हैं। शनिवार शाम तक करीब 18 हजार लोगों का हुजूम टिटियाना गांव में न्याय के प्रतीक चौंतरे पर शीश झुकाने पहुंचा था। इतनी ही संख्या रविवार को भी पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। कमाल की बात ये थी कि टिटियाना वासियों ने व्यवस्था को इतने शानदार तरीके से संभाला हुआ था कि मामूली सी भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा।
#WATCH || शताब्दी बाद ये खास पल, “”टिटियाना गांव में शाठी व पाशी भाइयों का मिलन
रविवार को जत्थे के रूप में उन इलाकों से टोलियां पहुंचेगी, जिन्हें देवता के आदेश पर रविवार का निमंत्रण भेजा गया है। शनिवार सुबह महा ब्राह्मणों द्वारा पूर्णाहुति को मुकम्मल किया गया। अंतिम आहुति के बाद ही गांव में प्रवेश व निकासी की अनुमति दी गई थी। महायज्ञ में पहुंचे बुद्धिजीवियों ने आने वाली पीढ़ियों से चौंतरे की विशेषता को बनाए रखने का आग्रह किया।
सदियों से ‘चाैंतरे पर न्याय’, हिमाचल में ब्राह्मणों के सबसे बड़े गांव ‘टिटियाना’ में 120 साल बाद ‘शांत’
ब्राह्मणों की अनुमति के बाद करीब 11 बजे महा मिलन का प्रारंभ पांशी बंधु कन्याल के स्वागत के साथ हुआ। इसके बाद 150 के करीब गांवों के लोगों ने महा मिलन को मधुर यादगार बना दिया। मिलन की बेला के मौके पर विशेष उपहार भी लाए गए, इसमें तांबे के बर्तन, बड़े डिब्बे शामिल थे। बर्तनों में एक हजार व्यक्तियों का खाना बनाया जा सकता है।