शिमला, 28 जून : देशभर में टमाटर के दामों में जबरदस्त बढ़ोतरी दर्ज की गई है। हिमाचल प्रदेश में भी टमाटर के दाम आसमान छू रहे है। प्रदेश के अधिकतर जिलों में टमाटर का रेट 100 के पार पहुंच गया हैं। टमाटर के दामों में बेतहाशा उछाल से आम जनता का बजट बिगड़ गया है। एक सप्ताह पहले तक जो टमाटर सब्जी के दुकान में सबसे नीचे रखे जाते थे वह टमाटर अब सजाकर महंगे फलों के साथ रखा जाने लगा है।
राजधानी शिमला में अच्छी किस्म का टमाटर ₹120 बिक रहा है। वही दागी व छोटे टमाटर भी सौ रुपए किलो बिक रहा है। शिमला सब्जी मंडी में सब्जी खरीदने पहुंचे लोगों ने बताया कि दाम बढ़ने से टमाटर की खरीद पहुंच से बाहर हो गई गई है। अन्य सब्जियों के दाम भी बढ़ गए हैं। लोगों का ये भी कहना है कि बढ़े हुए दामों का फायदा किसानों को कम, जबकि आढ़तियों को ज्यादा मिल रहा है।

ऐसा पहली बार नहीं
हालांकि दुकानदारों का कहना है कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ, जब टमाटर के दाम में जबरदस्त बढ़ोतरी दर्ज की गई हो। हर साल एक समय ऐसा आता है जब टमाटर के रेट अचानक ही बढ़ जाते हैं। सप्लाई नॉर्मल होने की स्थिति में रेट एक बार फिर सामान्य हो जाएंगे।
उधर खरीदारों का कहना है कि सब्जियों के बढ़ते दामों ने जेब ढीली कर दी है। आए दिन सब्जियों के दाम बढ़ रहे हैं। टमाटर के दामों में आई अचानक बढ़ोतरी से हर कोई परेशान है। लोगों का कहना है कि सरकार जल्द से जल्द टमाटर के दामों को कंट्रोल करें।
ये भी दाम बढ़ने के कारण
आपको बता दें कि बारिश और जलभराव के कारण टमाटर की सप्लाई नहीं हो पा रही है। जिस कारण बाजार तक केवल लोकल टमाटर ही पहुंच रहा है। जिसके मनचाहे दाम वसूले जा रहे हैं। भारी बारिश ने पहाड़ी इलाकों के टमाटर की फसल को पूरी तरीके से क्षतिग्रस्त कर दिया है। जिस कारण समूचे देश में टमाटर की कीमत में जबरदस्त बढ़ोतरी दर्ज की गई है। देश के सेंट्रल और साउथ जोन से अगले 10 दिनों में नई फसल आने की संभावना है। जानकारों का मानना है कि यदि मानसून ने खेल खराब नहीं किया तो अगले महीने के मध्य से टमाटर की कीमतों में कमी आना शुरू हो जाएगी। हालांकि भारी बारिश के कारण देश के कई इलाकों में फसल प्रभावित हुई है, जिस कारण दूसरी सब्जियों के दाम भी बढ़ने लग गए है। टमाटर जून के पहले हफ्ते में 20 से 30 रुपए किलो बिक रहा था। जबकि अभी टमाटर 100 से ₹120 बिक रहा है।
उधर एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक 2020-21 में टमाटर की बंपर फसल हुई थी। कीमत में भारी गिरावट से किसानों की लागत भी नहीं निकल पाई थी। यही वजह है कि हिमाचल उत्तराखंड व कई दूसरे राज्य के किसानों ने टमाटर की खेती से परहेज किया। एक आंकड़े के मुताबिक पिछले साल की तुलना में इस बार उत्पादन आधा हुआ है। वही बची कसर ओले और बारिश ने निकाल दी। यह भी एक बड़ा कारण है जिससे टमाटर की कीमतों में भारी उछाल आया है।