शिमला, 24 जून : हिमाचल प्रदेश में रात हुई भारी बारिश ने जमकर कहर बरपाया है। जगह-जगह भूस्खलन हुए, पेड़ गिरे और कई जगह मलबे की चपेट में गाड़ियां आ गई है। प्री-मानसून की पहली बारिश ने प्रदेश में तबाही मचा दी है। राजधानी शिमला के स्मार्ट सिटी के विकास कार्यो की भी बारिश ने पोल खोल कर रख दी है। राजधानी के कृष्णा नगर में रात हुई बारिश के बाद बहाव ने नाले को तोड़ कर अपना रुख बदला और मलबे के साथ 4 गाड़ियों को अपनी चपेट में ले लिया। गाड़ियां तो क्षतिग्रस्त हुई ही साथ ही स्लाटर हाउस को जाने वाली सड़क में भी सारा मलबा आ गया और सड़क नाले में तब्दील हो गई।
वहीं समरहिल में पेड़ गिरने से सड़क बंद हो गई है। ढली बाईपास रोड़ भी मलबा आने से NH-5 कुछ समय के लिए बंद रहा। शिमला लाल पानी में मलबे की चपेट में आई गाड़ियों के मालिकों ने कहा कि स्मार्ट सिटी के नाम पर जो नाले बनाए गए उनमें घटिया सामग्री इस्तेमाल की गई है। जो प्री-मानसून की बारिश में बह गया और उनकी गाड़ियों को भारी नुकसान पहुंचा है।
वहीं, शिमला समिट्री के पास निर्माणाधीन टनल का मलबा लोअर सिमेट्री में खड़ी तीन गाड़ियों पर जा गिरा। मलबे में आधी गाडिय़ां दबी हैं और सड़क भी बाधित हुई है। स्थानीय निवासी रमेश ठाकुर व देवेंद्र ठाकुर ने आरोप लगाया कि टनल का निर्माण कार्य चला हुआ है, जिससे पानी का बहाव सड़क व घरों की तरफ़ मोड़ दिया गया है। जिससे आने वाली बरसात में और भी भारी नुकसान होने की आशंका है।
उधर, जिला सिरमौर के राजगढ़ के बडू साहिब से बठिंडा जा रही पंजाब रोडवेज ट्रांसपोर्ट की बस लैंडस्लाइड की चपेट में आने से लटक गई। गनीमत यह रही कि बस खाई में जाने से बाल-बाल बच गई। साथ ही सोलन के चायल कोटी में हुए भूस्खलन से कालका-शिमला रेल मार्ग अवरुद्ध होने से आवाजाही ठप हो गई। भारी बारिश की वजह से नदी नाले उफान पर है। सतलुज व व्यास नदियों का जल स्तर भी बढ़ गया है। मौसम विभाग ने शनिवार के लिए येलो अलर्ट, जबकि 25 व 26 जून को भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।