मंडी, 24 जून : माता रानी के जिस दरबार के दर्शनों के लिए कतारें लगती थी, आज वो दरबार भक्तों की आहट के लिए तरस रहा है। बात हणोगी माता मंदिर की हो रही है जो फोरलेन की टनलों के शुरू हो जाने के बाद से सूना पड़ा हुआ है। अब हणोगी पुल से सारा ट्रेफिक टनलों के माध्यम से गुजर रहा है। हणोगी माता मंदिर के बाहर से होकर जाने वाली सड़क पर दिन भर में अब इक्का-दुक्का गाड़ियां ही जा पा रही हैं। जब चंडीगढ़-मनाली का ट्रेफिक इस रूट से जाता था तो कोई गाड़ी ऐसी नहीं होती थी जो यहां रूककर माता रानी के दर्शन करके आशीवार्द न लेती हो।
सरकार के अधीन आने वाले हणोगी माता मंदिर की आय अब शिखर से सिफर पर आ पहुंची है। मंदिर के पुजारी आचार्य विवेक शर्मा ने बताया कि आजकल के दिनों में मंदिर में रोजाना 30 से 50 हजार का चढ़ावा चढ़ता था लेकिन आज दिन भर में 100 रूपए का चढ़ावा भी मुश्किल से चढ़ पा रहा है। हणोगी माता मंदिर ट्रस्ट के माध्यम से लंगर, डिस्पेंसरी और गौ सदन सहित अन्य सामाजिक कार्यों को किया जा रहा है। मंदिर की आय न होने से अब यह सेवाएं भी बुरी तरह से प्रभावित होती जा रही हैं। मंदिर में पसरा सन्नाटा उन्हें अच्छा नहीं लगता। सरकार व प्रशासन को इस पर गंभीरता से सोचने की जरूरत है। कुछ ऐसी व्यवस्था की जानी चाहिए कि लोग मंदिर से होकर ही जाएं।
मंदिर परिसर में कैंटीन चला रहे गौरव ठाकुर ने बताया कि उनका कारोबार पूरी तरह से ठप हो गया है। दिनभर में एक या दो ग्राहक ही आते हैं। स्थानीय निवासी जय सिंह ने बताया कि वे मंदिर बचपन से आ रहे हैं लेकिन ऐसा सन्नाटा मंदिर में देखकर मन दुखी हो रहा है। सरकार व प्रशासन को इस विषय पर सोचना चाहिए।
वहीं, जब इस बारे में डीसी मंडी अरिंदम चौधरी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि हणोगी माता मंदिर को फोरलेन किनारे लाने पर विचार किया जा रहा है। इसके लिए एनएचएआई को उनकी खाली पड़ी जमीन उपलब्ध करवाने के लिए भी कहा गया है। अभी मंदिर के लिए जाने वाली सड़क पर साईन बोर्ड लगा दिए जाएंगे।