मंडी (वी कुमार) : प्रदेश सरकार की नई भवन नियमितीकरण नीति को नगर परिषद मंडी के पार्षदों ने नकार दिया है। नप ने इस बारे में विशेष प्रस्ताव पारित कर सरकार को भेज दिया है। नगर परिषद मंडी की अध्यक्षा नीलम शर्मा के अनुसार सभी पार्षद सरकार की इस नीति के विरोध में हैं और सरकार से इसमें बदलाव की मांग उठा रहे हैं।
नीलम शर्मा ने बताया कि तीस प्रतिशत ओपन स्पेस की शर्त को मंडी शहर में लागू नहीं किया जा सकता है। इसलिए इस शर्त को हटाने की मांग सरकार से की गई है। उन्होंने कहा कि मंडी शहर प्राचीन नगर है और यहां पर ज्यादातर मकान लोगों के पुराने ही बने हुए हैं। पुराने घरों में ही लोगों ने कुछ बदलाव व मुरम्मत कर घर बनाए हैं। ऐसे में इन घरों पर इस तरह की शर्ते लागू नहीं हो सकती हैं। इसलिए सरकार से मंडी में पहले के बन चुके घरों को इसमें छूट देने की मांग की गई है।
उन्होंने कहा कि नप ने यह भी आग्रह किया है कि शेट बैक की शर्त को शिमला शहर की तरह रखा जाए, क्योंकि मंडी शहर भी प्राचीन और भीड़भाड़ वाला शहर है। उन्होंने कहा नए बन रहे भवनों में इस तरह के नियम लागू किए जा सकते हैं, लेकिन पहले से बने हुए भवनों में इन्हें लागू करना सही नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार से नक्शा बनाने की फीस भी तय करने की मांग की गई है। उन्होंने कहा कहा कि अब आर्किटेक्ट मनमाने दाम वसूल रहे हैं। इसके अलावा सरकार से यह भी आग्रह किया गया है कि एकमुश्त भवन नियमितीकरण की योजना में आवेदन करने की तिथि को लंबा समय दिया जाए। ताकि लोग आवेदन कर सके।
कल जेलरोड़ में होगी भवन नियमितिकरण संघर्ष समिति की बैठक
भवन नियमितिकरण संघर्ष समिति की बैठक बुधवार को सीनियर सीटिजन होम जेलरोड में आयोजित होगी। समिति के संयोजक उत्तम चंद सैनी और अध्यक्ष अमर चंद वर्मा ने बताया कि कार्यकारिणी ने निर्णय लिया है कि बुधवार को दोपहर बाद तीन बजे जेलरोड स्थित सीनियर सिटीजन भवन में समिति की बैठक आयोजित होगी। उन्होंने बताया कि बैठक में संशोधित अध्यादेश को लेकर विस्तार से चर्चा होगी। उन्होंने समिति के सभी सदस्यों और टीसीपी के प्रभावित सभी नागरिकों को इस बैठक में बढचढ कर भाग लेने का आग्रह किया है। जिससे नए संशोधित नियमों की विसंगतियों के बारे में चर्चा करके भविष्य की रणनीति तय की जा सके।