शिमला/चंबा, 17 जून : हिमाचल प्रदेश के सलूणी उपमंडल में 22 वर्षीय मनोहर की नृशंस हत्या (Manohar Murder) का मामला तूल पकड़े है। हर कोई इस बात से वाकिफ हो चुका है कि 22 साल के युवक को मौत के घाट उतारने के बाद लाश के 7 टुकड़े किए गए थे। ये शायद ही कोई जानता होगा, आखिर पुलिस (Police) बोरी में भरकर फैंके गए लाश के टुकड़ों तक कैसे पहुंची।
वारदात में पुलिस हर कदम फूंक-फूंक कर रख रही है। मीडिया (Media) से भी नपी तुली बात साझा की जा रही है। इलाके में चल रहे कयासों को आधार माना जाए तो खच्चरों (Mules) की वफादारी की वजह से खौफनाक वारदात का राज खुल गया। युवक की हत्या लापता होने वाले दिन ही कर दी गई थी।
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पहले ये खच्चरें मुख्य आरोपी के घर के ईर्द-गिर्द मौजूद रही। इसके बाद लाश को जहां नाले के नजदीक ठिकाने लगाया गया था, वहां से खच्चरें दो-तीन दिन हिली तक नहीं। समीप ही डेरा डाले भेड-बकरी पालकों (sheep and goat herders) को ये बात खटक रही थी कि आखिर ये खच्चरें एक ही जगह से क्यों नहीं हिल रही।
गौरतलब है कि मनोहर के शव के टुुकड़ों को एक बोरी में भरकर फैंका गया था। 9 जून को ये बोरी बरामद हुई थी। स्वजन के मुताबिक जिस जगह से मनोहर खच्चरों से बिछड़ा था, वो उसी जगह घूमती रही। नाले के समीप भी खच्चरों को घूमते देखा गया था।
दीगर है कि परिवार इकलौते बेटे मनोहर की शादी की तैयारियां कर रहा था। मृतक मनोहर की मां ने कहा कि जिस तरीके से मैं तड़प रही हूं, इस तरह से कोई और न तड़पे। हत्यारों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए। यदि, हत्यारों को फांसी नहीं दे सकते हैं तो मुझे ही सूली पर चढ़ा दो।
गमगीन मां ने रुंधे गले से कहा कि बेटा ही परिवार को पाल रहा था। संसार में जीवित रहने का वो ही एक सहारा था। मां ने कहा कि मुझे कोई सहायता नहीं चाहिए, भूखे रहकर जी लूंगी, केवल हत्यारों को फांसी की सजा चाहिए।
उधर, भाजपा ने शनिवार को जघन्य अपराध को लेकर राज्य भर में प्रदर्शन किए। पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Jairam Thakur) को पुलिस ने शुक्रवार को 144 का हवाला देकर शोकाकुल परिवार से मिलने से रोक दिया था। भाजपा वारदात में एनआईए (NIA) से जांच करवाने की मांग कर रही है।