शिमला, 07 जून : पशु औषधालय पीरन में बीते कई वर्षों से पानी का कनेक्शन नहीं है, जिसके चलते मवेशियों के इलाज करने में संबधित कर्मचारी को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। आलम यह है कि भवन भी बदहाली के आंसू बहा रहा है। करीब 25 वर्ष पूर्व निर्मित किए गए इस भवन की मरम्मत करने के बारे में आजतक विभाग ने कोई सुध नहीं ली। बरसात होने पर भवन की छत टपकती है, जिससे दवाईयां भी खराब होती है। खिड़कियों के पल्ले व शीशे टूटे हुए है। स्टाफ के नाम पर केवल एक जूनियर इंस्पेटर है।
बता दें कि चतुर्थ श्रेणी का पद काफी वर्षों से रिक्त पड़ा है। विभागीय आंकड़ों के अनुसार पीरन पंचायत में करीब 15 सौ पशुधन है। वर्तमान में कार्यरत कर्मचारी के पास पीरन पंचायत के अलावा सतलाई पंचायत का चार्ज दिया गया है। जहां पशुधन की संख्या करीब एक हजार है। कर्मचारी को दो पंचायतों में बिना वाहन के ड्यूटी देना कठिन हो रहा है। आपातकालीन स्थिति में किसानों को अपने पशुओं के उपचार के लिए कोटी अथवा चायल ले जाना पड़ता है।
पूर्व प्रधान दयाराम वर्मा और प्रीतम ठाकुर ने सरकार से मांग की है कि पशु औषधालय पीरन में पानी का कनेक्शन लगाने के अलावा भवन की मरम्मत के लिए धनराशि का प्रावधान किया जाए। उन्होंने बताया कि बीते वर्ष पूर्व सरकार द्वारा पशु औषधालय का दर्जा बढ़ाकर अस्पताल किया गया था, जिसे सरकार ने डिनोटिफाई कर दिया।
दया राम वर्मा का कहना है कि पंचायत में करीब 15 सौ पशुधन है जिसके लिए इस औषधालय का दर्जा बढ़ाए जाना अति आवश्यक है। उन्होने इस औषधालय के कर्मचारी के सतलाई पंचायत के डेपूटेशन को रद्द करने की मांग की है। इनका कहना है कि इस औषधालय में दवाईयां बहुत कम उपलब्ध है, जिस कारण किसानों को अपने पशुओं के इलाज से बाजार से दवाईयां खरीद कर लानी पड़ती है।
उपनिदेशक पशुपालन विभाग शिमला डाॅ अरुण सरेईक ने बताया कि पशु औषधालय की मरम्मत के लिए उचित कार्रवाई की जाएगी। दूसरी ओर जल शक्ति विभाग के जेई राजकुमार शर्मा ने बताया कि उनके पास पानी का कनेक्शन लगाने बारे विभाग को आवेदन करना होगा।