शिमला, 06 जून : शिक्षा के मंदिर में जहां प्रतिदिन बच्चे खुशी-खुशी आते थे, उसी विद्यालय की चौखट पर पहुंचने में छात्र अब सहम जाते हैं। इतना ही नहीं अभिभावक भी बच्चों को स्कूल भेजने में परहेज कर रहे है। अभिभावकों की मांग को यदि नहीं माना गया तो वह बच्चों को स्कूल भेजने से भी इंकार कर रहे है।
मामला हिमाचल की राजधानी के टूटीकंडी वार्ड के हीरानगर का है। यहां स्कूल के समीप निर्माणाधीन मोक्षधाम को देखकर बच्चे स्कूल आने से डर रहे है। अभिभावकों ने भी राजकीय माध्यमिक पाठशाला हीरानगर के समीप निर्माणाधीन मोक्षधाम का विरोध किया है। मंगलवार को अभिवावक स्कूल के बाहर एकत्रित हुए और मात्र 100 मीटर की दूरी पर बन रहे मोक्षधाम का विरोध किया। अभिभावकों ने कहा कि फ़िलहाल मोक्ष धाम निर्माणाधीन है, लेकिन जब यह बनकर तैयार हो जाएगा तो सुबह शाम स्कूल आने वाले बच्चों के लिए यह उचित नहीं होगा।
वहीं, स्कूल में पढ़ रहे बच्चों ने कहा शुरू में उन्हें पता नहीं था कि यहां क्या बनाया जा रहा है? जब पता चला कि यहां श्मशान घाट बन रहा तो डर लगने लगा है। यह स्कूल के अंदर से भी दिखता है। गेट के बाहर आते ही इस पर सीधी नजर पड़ती है। आठवीं कक्षा के सौरव ने कहा कि जब यह बनकर तैयार हो जाएगा तो चिंताओं के जलने का धुआं सीधा स्कूल के अंदर आएगा। वहीं अन्य छात्रों ने कहा कि यह स्कूल के सीधा सामने बन रहा है। यहां से घरों को पानी भी जाता है। हमें स्कूल आने में डर लगता है।
वहीं, अभिभावकों और एसएमसी प्रधान ने कहा की स्कूल के समीप मोक्षधाम नहीं बनना चाहिए। स्कूल में छोटे बच्चे आते है। उन्हें अब यहां आने से डर लग रहा है। उन्होंने कहा कि जब यहां शव जलाए जाएंगे तब उसका सीधा धुआं विद्यालय में आएगा। छोटे बच्चे स्कूल आते समय सवाल करते है कि यह क्या है? उन्हें जब पता चला है कि यह मोक्ष धाम बन रहा है तो उन्हें स्कूल आने से डर लग रहा है। उन्होंने कहा कि किसी और जगह इसे बनाया जाए। यह क्षेत्र चारों ओर से चिढ़ के जंगल से घिरा है। कभी भी आगजनी की घटना भी पेश आ सकती है।
अभिभावकों ने कहा कि अगर इसे यहां से हटाया नहीं गया तब हम इस स्कूल में बच्चे को भेजना बंद कर देंगे।
वहीं वार्ड की पार्षद व उप महापौर उमा कौशल ने कहा कि इस क्षेत्र में जो मोक्षधामका निर्माण किया जा रहा है। वह स्थानीय लोगों की मांग पर ही किया जा रहा है। 2019 में यह सदन से पारित हुआ था। इसके बाद ही इसका निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने इसका विरोध किया था और अब यह मामला न्यायालय में है। न्यायालय में जो भी निर्णय देगा वह मान्य होगा। अगर इसे हटाने के निर्देश दिए जाएंगे तो इसे हटा दिया जाएगा।