नाहन, 05 जून : हिमाचल प्रदेश के वरिष्ठ साहित्यकार दीन दयाल वर्मा के नए प्रकाशित काव्य संग्रह “प्रकृति पन्नों से” को हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला (HPU)ने पीएचडी शोध (PhD research) के लिए चयनित किया है। काव्य संग्रह में लेखक ने प्रकृति का परमात्मा मानकर 414 कविताएं प्रकृति प्रेम व पर्यावरण संरक्षण ( Environment protection) समर्पित की हैं। संग्रह में एक कहानी (Story) भी शामिल की गई है, वह भी प्रकृति (Nature) पर ही लिखी गई है।
दावा किया जा रहा है कि ये विश्व का पहला ऐसा काव्य संग्रह (Poetry collection) हो सकता है, जिसमें पहले से अंतिम पन्ने तक कविताएं प्रकृति पर ही कविताएं लिखी गई हैं। रश्मि प्रकाशन (Rashmi Publications) की प्रबंध निदेशक मीरा वर्मा ने भी शुभकामना संदेश में भी ये विश्व में अपनी तरह का पहला संग्रह होने का दावा किया है। लेखक ने पर्यावरण दिवस (Environment Day) के उपलक्ष्य में पुस्तक को डाक के माध्यम से राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) को भी भेजा है।
रोचक है कि लेखक दीन दयाल वर्मा का जन्म प्रकृति की गोद में शिमला के टूटीकंडी के “जंगली क्वार्टर” में हुआ था, युवा अवस्था में वन विभाग (Forest Department) में सेवा शुरू की थी। रेंजर के पद से सेवानिवृत्त होने तक प्रकृति के बीच ही रहे। ऐसे में प्रकृति के प्रति लेखक की संवेदना काव्य संग्रह में झलक भी रही है।
वर्मा ने एक जगह लिखा है, “दोस्तों वक्त के हाथ में बड़ी तेज आरी है, आज कटते हैं पेड़ कल हमारी बारी है”। गौरतलब रहे कि दीन दयाल वर्मा इससे पूर्व लघु नाटिका “गुरू दक्षिणा” के हिंदी के आठ और एक अंग्रेजी संस्करण, काव्य संग्रह मन के वन में, कहानी संग्रह बीस साल बाद.., व्यंग्य संग्रह सांसों की सरकार, उपन्यास (fiction) जंगली क्वार्टर समेत कई पुस्तकें और संकलन प्रकाशित हो चुके हैं।
नये संग्रह प्रकृति पन्नों से.., में 414 कविताएं प्रकृति पर लिखी होने के कारण ये संग्रह चर्चा का विषय बना हुआ है। बता दे कि वरिष्ठ साहित्यकार ने संग्रह को 2023 के पर्यावरण दिवस से पहले अंतिम रूप देने की चुनौती ली थी।