शिमला/नाहन 03 जून : राष्ट्रीय महत्वाकांक्षी रेणुकाजी बांध परियोजना (Shri Renuka Dam) के निर्माण हेतु लगभग 947 हेक्टेयर निजी भूमि का अधिग्रहण किया गया है। ये भूमि 18 परियोजना प्रभावित पंचायतों से भू-अधिग्रहण अधिनियम 1894 (land acquisition act) के तहत विगत में अधिग्रहण की गई है।
बिजली परियोजना द्वारा 18 प्रभावित पंचायतों से भूमि अधिग्रहण किया गया है। पचायतों में 1408 बांध प्रभावित परिवार चिन्हित किए गए हैं, इसमें से 297 प्रभावित परिवारों (affected families) की भूमि और घर अधिग्रहित कर लिए गए हैं। 481 परिवारों की भूमि का अधिग्रहण हुआ है। 40 परिवारों के केवल घरों का अधिग्रहण, 587 परिवारों की शामलात भूमि का अधिग्रहण हुआ है। इसके अलावा तीन परिवार ऐसे हैं, जिनकी आजीविका पर नकारात्मक प्रभाव (Negative impact) पड़ा है।
चिन्हित सूची की अधिसूचना (Notification) का मामला उपायुक्त को भेजा गया है। यह सूचना पंचायत वार प्रभावित परिवारों को अवलोकनार्थ 16 मई से 14 जून 2023 तक उपलब्ध करवाई गई है।
परियोजना द्वारा पुनर्वास एवं पुनर्स्थापन योजना (Rehabilitation and resettlement plan) में निर्देशित परिभाषा के अनुसार मुआवजा प्राप्त व्यक्तियों का भू-अधिग्रहण अधिनियम 1894 (धारा-4) द्वारा अधिसूचना की तिथि को पंचायत परिवार पंजिका में दर्ज प्रविष्टियों के अनुसार चिन्हित करके प्रथम चरण में सूची तैयार कर ली गई है।
प्रथम चरण में जारी इस सूची में ऐसे परिवारों को जगह दी गई है, जिनकी भूमि या घर या दोनों ही परियोजना द्वारा अधिग्रहण कर लिया गया हो और संबंधित पंचायत में रिकॉर्ड प्राप्त हो चुका हो। ऐसे परिवारों को मुख्य परियोजना प्रभावित परिवार में रखा गया है, जबकि दूसरे चरण में छूटे लोगों को स्थान दिया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (Himachal Pradesh Power Corporation Limited) के प्रवक्ता ने कहा कि सूची में शामिल की जानकारी पर दावा या आक्षेप लिखित रूप में उप महाप्रबंधक, रेणुकाजी बांध परियोजना या सम्बन्धित तहसीलदार ददाहू, रेणुकाजी स्थित संगडाह, नौहराधार, राजगढ के अतिरिक्त सेटलमेंट कार्यालय वासनी व नारग में 14.06.2023 तक प्रातः सायं 5 बजे तक प्रेषित किए जा सकते हैं।
बांध परियोजना की तरफ से प्रभावित परिवारों से आग्रह किया जाता है कि परियोजना प्रभावित ग्राम पंचायतों ददाहू, पनार, दीद बगड, कोटला मोलर, पराडा, लाना भाल्टा, नेरी नामण, काथली भरण, सेर तंदूला, गवाही, संगडाह, रेडली, वाउनल काकोग, जरग, रजाना, माईना घडेल, जामू कोटी और खालाक्यार में जिन भी परिवारों की भूमि या घर का अधिग्रहण किया गया हो तो वो संबंधित ग्राम पंचायतों या पटवार वृतों या तहसीलों में अपना नाम देख सकते हैं। इस सम्बन्ध में दावा या आक्षेप को उपायुक्त कार्यालय में भी दर्ज किया जा सकता है।
दीगर है कि हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा 19 जनवरी, 2009 को डैम प्रभावितों के लिए पुनर्वास एवं पुनर्स्थापन (R&R) योजना का अनुमोदन किया गया था। 22 पन्नों वाली योजना में प्रभावित परिवारों को अधिग्रहण के अलावा क्या-क्या अनुदान दिए जाने हैं, किन किन कल्याणात्मक योजनाओं (Welfare Schemes) का लाभ दिया जा सकता है एवं किस आधार पर प्रभावित परिवारों की श्रेणीबद्धता की जाएगी, आदि प्रावधान शामिल हैं।