नाहन, 29 मई : हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम (HRTC) के मुरीद समूचे उत्तर भारत में मौजूद हैं। पांवटा साहिब के बद्रीपुर का एक बच्चा भी निगम की बस का फैन था। इसी बात ने बच्चे को एक अनोखी प्रतिभा का धनी बना दिया।
हिमाचल प्रदेश के पांवटा साहिब (Paonta Sahib)में जमा एक कक्षा में पढ़ाई कर रहा ‘हिमांशु पंवार’ एक अजब-गजब प्रतिभा का धनी है। विज्ञान संकाय में शिक्षा ग्रहण कर रहा हिमांशु हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम (Himachal Pradesh Road Transport Corporation) की बस के मॉडल को हूबहू बनाने में महारत हासिल कर चुका है।
बचपन के शौक को किशोर अवस्था में धरातल पर उतार कर हर किसी को अचंभित कर दिया है। पहले कार्ड बोर्ड व रंगों की मदद से एक बस का मॉडल बनाने में दो दिन का वक्त लगता था, लेकिन मौजूदा में वो डेढ़ दिन में ही बस को बनाने में माहिर हो चुका है। निगम के नाहन डिपो में चालकों व परिचालकों में हिमांशु की कला का जादू सिर चढ़कर बोल रहा है।
चालक व परिचालक बस के मॉडल को अपने बच्चों को उपहार स्वरूप भेंट कर रहे हैं। सवाल हुनर का भी नहीं है, बल्कि कच्ची उम्र में एक बालक की एकाग्रता का है। उल्लेखनीय है कि हमीरपुर में भी एक शख्स द्वारा कार्ड बोर्ड की कला से मॉडल बनाए जाते हैं, लेकिन जमा एक का छात्र इस तरह की प्रतिभा का धनी हो, ये सामान्य बात नहीं हो सकती।
दिलचस्प बात ये है कि पहले हिमांशु बसों के मॉडलों को बनाकर जान पहचान वालों को गिफ्ट के तौर पर दे देता था, लेकिन निगम के चालकों व परिचालकों ने एक राशि तय की है। माता-पिता भी बच्चे के हुनर के बीच बाधा नहीं बनना चाहते। पिता संजय पंवार ईंट का कारोबार करते हैं, जबकि मां अलका पंवार फार्मा कंपनी में केमिस्ट के पद पर कार्यरत हैं।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क से हिमांशु ने फोन पर लंबी बातचीत में कहा कि बचपन में एचआरटीसी बस को देखा था। वैसी ही बस बनाने का मन हुआ। गत्ते के डिब्बों से छठी कक्षा में पहली बस बनाई। धीरे-धीरे कार्ड बोर्ड से बस को बनाना शुरू कर दिया। एक सवाल के जवाब में हिमांशु ने कहा कि वो लकड़ी का इस्तेमाल कर भी बस का मॉडल बना सकता है। स्कूली छात्र ने ये भी बताया कि गिरने पर कार्डबोर्ड की बस नहीं टूटेगी। पानी से बचाया जाना जरूरी है।
HRTC का होना चाहिए ब्रांड एंबेसडर….
इसमें कोई दो राय नहीं है कि प्रतिभाओं को निखारने के मकसद से हिमांशु को हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम का ब्रांड एंबेसडर भी बनाया जा सकता है। किशोर अवस्था से गुजर रहे स्कूली छात्र को इस बात का कतई भी इल्म नहीं था कि ये टैलेंट पॉकेट मनी को अर्जित करने का मौका भी प्रदान कर देगा।