मंडी, 29 मई : प्रदेश सरकार ने केवल जिला परिषद अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के मानदेय में बढ़ोतरी कर जिला परिषद सदस्यों की अनदेखी की है। जिला परिषद सदस्य भी लंबे समय से सरकार से उनके मानदेय में बढ़ोतरी की मांग उठाते आए हैं, लेकिन उनकी मांग को अनसुना कर दिया गया है। यह आरोप सोमवार को मंडी में आयोजित जिला परिषद की बैठक के दौरान जिला परिषद सदस्यों ने लगाए हैं। यह बैठक भ्योली स्थित जिला परिषद भवन के सभागार में आयोजित की गई।
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जिला परिषद की यह बैठक पूर्ण रूप से हंगामेदार रही और बैठक से अधिकतर सदस्यों ने सरकार पर उनकी अनदेखी के आरोप लगाते हुए बैठक से वॉकआउट कर दिया। जिला परिषद की इस बैठक का 26 सदस्यों ने बहिष्कार किया।
जिला परिषद सदस्यों का कहना है कि प्रदेश सरकार ने जिला परिषद अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के मानदेय में जो बढ़ोतरी की है उस फैसले का स्वागत करते हैं। लेकिन इस बढ़ोतरी के बाद जिला परिषद अध्यक्ष व जिला परिषद सदस्यों के मानदेय में बहुत ज्यादा अंतर हो गया है। यदि आगे भी ऐसा होता रहा तो जिला परिषद सदस्य अपना मान सम्मान भी खो देगा, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इस मौके पर सदस्यों ने “मानदेय नहीं सम्मान चाहिए” के नारे भी जिला परिषद अध्यक्ष के सामने लगाए। जिला परिषद सदस्यों का कहना है कि जब तक उच्च अधिकारी व सरकार इस मसले को हल नहीं करते तब तक उनका बहिष्कार जारी रहेगा।
वहीं जिला परिषद सदस्यों का कहना है कि पूर्व सरकारों में भी उनके साथ ऐसा ही होता आया है। हर बार उन्हें सरकार द्वारा लॉलीपॉप थमा दिया जाता है। इस बार उनकी लड़ाई मानदेय के साथ मान सम्मान की भी है जिसके लिए अब झुकने के लिए तैयार नहीं है।
जिला परिषद सदस्य नौण वार्ड हुकुम सिंह ठाकुर ने बताया कि यदि प्रदेश सरकार जल्द ही उनकी मांगों को पूरा नहीं करती तो वे इसी तरह बैठक का बहिष्कार करेंगे जिससे पंचायतों में चल रहे विकास कार्यों में भी देरी होगी। वहीं उन्होंने कहा कि पंचायतों में विकास कार्य करवाने के लिए जो भी फंड जिला बस्तर सदस्यों को दिया जाता है उससे विकास कार्य करवाना मुश्किल हो गया है। उन्होंने प्रदेश सरकार से सदस्यों के मानदेय में बढ़ोतरी के साथ विकास कार्यों के लिए मिलने वाले फंड में भी बढ़ोतरी की मांग उठाई है।
वहीं इस मौके पर जिला परिषद अध्यक्ष पाल वर्मा ने बताया कि आज जिला परिषद की त्रैमासिक बैठक जिला परिषद भवन में रखी गई थी जिसका जिला परिषद सदस्यों ने बहिष्कार किया है। उन्होंने बताया कि जिला परिषद की जो भी मांगे है वो जायज है और सरकार को उनकी मांगों की ओर ध्यान देना चाहिए।