शिमला, 20 अप्रैल : इरादे मजबूत हो तो मुसीबत भी राह से स्वतः ही किनारा कर जाती है। यह कहावत शिमला जिला के दूरदराज क्षेत्र पुलवाहल के खरौंट गांव की काजल चौहान पर सही चरितार्थ होती है, जिसने मेहनत के दम पर बहुत ऊंचा मुकाम हासिल किया है।
बता दें कि एक साधारण कृषक परिवार में जन्मी काजल चौहान को दुबई की एक नामचीन मल्टीनेशनल कंपनी ट्रांसगार्ड में सेवा करने का मौका मिला है। काजल चौहान के घर बधाइयां देने वालों का तांता लग रहा है।
गौर रहे कि काजल चौहान का जन्म पुलवाहल के खरौंट गांव में वर्ष 1997 में कल्याण सिंह के घर हुआ। काजल चौहान ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने ही गांव के प्राथमिक स्कूल नागन व 12वीं की पढ़ाई विज्ञान विषय के साथ कन्या वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पोर्टमोर शिमला से उतीर्ण की।
तदोपंरात चंडीगढ़ विश्वविद्यालय खरड़ (पंजाब) से स्नातक करने के बाद काजल ने दो साल तक सोलन में एक फार्मा कंपनी में अपनी सेवाएं दी। इसके बाद काजल ने अपने सपनों की उड़ान को नए पंख दिए और उसका दुबई की एक मशहूर कंपनी में चयन हो गया, जिससे समूचे क्षेत्र में प्रसन्नता का महौल है।
गौरतलब है कि बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि की काजल चौहान को जीवन में कुछ नया करने का शौक था। पिता कल्याण सिंह चौहान व माता रीता देवी की तीन संतानों में दूसरे नंबर की काजल मेहनतकश और कुछ कर गुजरने वाले बच्चों के लिए एक मिसाल है। अपनी पुत्री की कामयाबी पर पिता कल्याण सिंह चौहान के अलावा समस्त क्षेत्र गौरवान्वित महसूस कर रहा है।
काजल की बड़ी बहन अंबिका चौहान भी एक नामी-गिरामी राष्ट्रीय कंपनी में इंजीनियरिंग के पद पर कार्यरत हैं। छोटा भाई शुभम स्नातक की पढ़ाई करने के बाद अपने पिता के साथ बागवानी के काम मे हाथ बंटा रहा है। काजल ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और गुरुजनों दिया है।