नाहन, 01 अप्रैल : कुदरत की माया, कोई नहीं समझा। वो हमारे जीवन की क्या पटकथा (Script) लिखता है, इसका इल्म कतई नहीं हो सकता। ये जरूर है….कुदरत इंसान का अहित नहीं सोच सकती।
महज तीन दिन पहले गर्भवती महिला से पति को छीन लिया तो शनिवार सुबह महिला की गोद में बेटे की किलकारी की सौगात दे दी। हर तरफ एक ही चर्चा है….भगवान की मर्जी है।
दिल को झकझोर देने वाली दास्तां....हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिला में ट्रांसगिरि के चौकी मृगवाल का नौजवान जल्द से जल्द 29 मार्च 2023 की शाम जल्द से जल्द पांवटा साहिब अस्पताल पहुंचना चाहता था, क्योंकि उसे बताया गया था कि गर्भवती पत्नी को प्रसव पी़ड़ा की वजह से अस्पताल लाया गया है। लेकिन कुदरत को कुछ ओर ही मंजूर था। 28 साल का रमन पांवटा साहिब तो पहुंचा, लेकिन कफन में लिपटकर।
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29 मार्च की शाम ही पत्नी निशा को डाॅ. वाईएस परमार मेडिकल काॅलेज (Dr. YS Parmar Medical College) रैफर कर दिया गया था। परिवार की हिम्मत की दाद देनी पड़ेगी कि एक तरफ नौजवान बेटे का 30 मार्च को अंतिम संस्कार किया जाना था तो दूसरी तरफ पुत्रवधू निशा की प्रसव पीड़ा भी बढ़ रही थी। पांवटा साहिब में 30 मार्च को रमन का अंतिम संस्कार कर दिया गया। पत्नी निशा को केवल इतना बताया गया था कि रमन सड़क हादसे में घायल हुआ है।
धीरे-धीरे निशा को अंदाजा लग गया था कि जीवनसाथी ने साथ छोड़ दिया है। शनिवार सुबह निशा की गोद में बेटे की किलकारी गूंजी तो हर किसी के मुंह से एक ही बात निकली कि ‘रमन वापस लौट आया है’।
निशा की तीमारदारी के लिए मां के साथ मौसी सास मेडिकल काॅलेज पहुंची हुई हैं। उल्लेखनीय है कि निशा का मायका संगड़ाह विकास खंड के जरग में है। बुधवार की शाम पेशे से पोकलेन ऑपरेटर रमन पुत्र कर्म सिंह का उस समय सड़क हादसे में निधन हो गया था, जब वो देहरादून (dehradun) की तरफ से पांवटा साहिब आ रहा था। करीब एक साल पहले ही वो जरग की निशा से परिणय सूत्र में बंधा था।
समूचे ट्रांसगिरि क्षेत्र में रमन के निधन पर शोक की लहर है। सोशल मीडिया (social media) में निधन पर शोक प्रकट करने वालों की बाढ़ इस बात की तस्दीक कर रही है कि वो एक बेहतरीन इंसान था। दिवंगत रमन की मौसेरी बहन मनीषा ने बताया कि भाभी निशा को सिजेरियन डिलीवरी से बेटे का जन्म हुआ है।