नेरचौक (कपिल सेन): सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रत्ती में जारी मरीजों के साथ अस्पताल कर्मचारियों व चिकित्सकों के दुव्र्यवहार के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। सोमवार शाम 4:10 बजे एक मरीज जब अपनी उंगली में लगे टांकों में हुए रक्त रिसाव को लेकर ईलाज के लिए रत्ती अस्पताल पहुंचा तो वहां पर तैनात कर्मचारियों ने उसे अगली सुबह 9:30 बजे आने के लिए कहा।
मरीज ने तैनात कर्मचारियों से आग्रह किया कि मेरी उंगली से खून बहने के साथ-साथ असहनीय दर्द भी हो रहा है, लेकिन अस्पताल में तैनात नर्स ने यह कह कर अपना पला झाड़ लिया कि मुझे यह काम नहीं आता है और यह चिकित्सक का कार्य है। पास खड़े एक अन्य कर्मचारी को पट्टी करने के लिए कहा। उस कर्मचारी ने भी इंकार कर दिया कि आज बिजली नहीं है। इस वजह से इलाज संभव नहीं है और कल सुबह आना।
मरीज जो कि पूर्व सैनिक है को मजबूरी में निजी अस्पताल में अपना ईलाज करवाना पड़ा। साथ ही जब मरीज के रिश्तेदारों ने अस्पताल में आकर पता किया तो उक्त कर्मचारी का कहना था कि वह तो चपड़ासी है और प्राथमिक उपचार नहीं कर सकता है। नर्स ही उसे प्राथमिक उपचार दे सकती है। यही नहीं इससे पहले भी कई बार रत्ती अस्पताल में ऐसे मामले सामने आ चुके है। चिकित्सकों व कर्मचारियों के गैर जिम्मेदाराना रवैये के कारण क्षेत्र की जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। मगर विभाग के अधिकारी हर बार जांच करने के नाम पर अपना पला झाड़ते आए है।
खंड चिकित्साधिकारी रत्ती अनुराधा शर्मा का कहना है कि वह अभी किसी दौरे को लेकर राज्य से बाहर है और कार्यभार चिकित्सक आरडी आनंद के पास है। वहीं डा. आनंद से जानकारी लेने की कोशिश की गई तो उनका मोबाईल स्विच ऑफ आया।
”रत्ती अस्पताल में मरीज के साथ दुव्र्यवहार के मामले की जांच की जाएगी। अगर कोई दोषी पाया जाता है तो उसके विरूद्ध उचित कार्यवाही की जाएगी। – देश राज, सीएमओ मंडी
”मरीज का ईलाज करना कर्मचारियों का प्रथम कार्य है। यदि कोई आना-कानी करता है और ऐसा मामला है तो प्रभावित व्यक्ति मुझे लिखित शिकायत पत्र दें। मामले की गहनता से जांच पड़ताल कर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। जबकि बल्ह के लोगों की सहुलियत के लिए रत्ती सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को सरकार ने नागरिक अस्पताल का दर्जा प्रदान कर दिया है।”
-कौल सिंह ठाकुर, स्वास्थ्य मंत्री