ऊना (एमबीएम न्यूज़): हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के पूर्व सांसद मेजर जरनल सेवानिवृत विक्रम सिंह कंवर का मंगलवार को सोलन में हदयघात होने से देहांत हो गया। जिला ऊना के दौलतपुर निवासी विक्रम सिंह के निधन का समाचार मिलते ही ऊना में मायूसी छा गई। विक्रम सिंह को पेट में केंसर बताया जा रहा था। उनका चंडीगढ़ के फोटिज अस्पताल में उपचार चल रहा था, जिसके चलते वे अपने बेटे रणदीप व बहू गायत्री कंवर के पास सोलन में रह रहे थे।
मंगलवार सुबह उन्हें फोटिज जाना था, जिसके लिए वे तैयार हो रहे थे। इसी दौरान अचानक सीने में दर्द के चलते गिर पड़े। परिजनों ने पड़ोसी डॉक्टर को मौके पर बुलाया, तब तक विक्रम सिंह कंवर दम तोड़ चुके थे। परिजन उनके शव को पैतृक गांव दौलतपुर चौक लाए हैं, जहां बुधवार को अंतिम संस्कार किया जाएगा। मेजर जरनल विक्रम सिंह ने सेना में रहते हुए अनेक पदों पर कार्यरत्त रहे। उन्होंने हिमाचली युवकों को सेना में भर्ती होने के लिए भी प्रेरित किया।
1996 में राजनीति में वीरभद्र सिंह ने उनका प्रवेश करवाया। सैनिक पृष्ठभूमि से संबंध रखने के चलते पहली बार ही मेजर जरनल सिंह के प्रचार को लोकसभा चुनावों में ऐसी गति मिली की, उन्होंने भाजपा के दिग्गज नेता प्रेम कुमार धूमल को हैरान करने वाली शिकस्त दे 15,113 मतों से संसद में प्रवेश किया। मेजर जरनल विक्रम सिंह का कार्यकाल कम रहा, लेकिन उन्होंने कांग्रेस में अपनी पेठ को मजबूत किया था।
1998 में वे पुन: चुनाव मैदान में बतौर कांग्रेस प्रत्याशी उतरे, इस दफा उनका मुकाबला भाजपा के नए प्रत्याशी सुरेश चंदेल से हुआ, लेकिन यह चुनाव विक्रम सिंह 78,909 मतों से हार गए। इसके बाद मेजर विक्रम सिंह ने राजनीति में अपनी सक्रियता को कुछ कम किया, लेकिन वे वीरभद्र के वफादारों में शामिल रहे। इसके चलते उन्हें मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने पूर्व सैनिक कल्याण बोर्ड हमीरपुर के चेयरमैन पद पर मनोनित किया था। जिस पर अभी तक वे काम कर रहे थे।