शिमला, 9 फरवरी : छात्र अभिभावक मंच हिमाचल प्रदेश ने निजी स्कूलों में वर्दी व किताबों की कीमतों में भारी बढ़ोतरी के खिलाफ रोक लगाने की मांग की है। मंच ने सीधे तौर पर मनमानी लूट व कमीशनखोरी करार दिया है। मंच ने इस कमीशनखोरी के खिलाफ आंदोलन को चेताया है। मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा व सह संयोजक विवेक कश्यप ने वर्ष 2023 में ड्रेस व किताबों की कीमतों में 25 % की वृद्धि पर कड़ा आक्रोश ज़ाहिर किया है। इसे शिक्षा विभाग व प्रदेश सरकार की नाकामी करार दिया गया है।
उन्होंने इस बढ़ोतरी को संविधान के अनुच्छेद 21, शिक्षा का अधिकार कानून 2009 व हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान अधिनियम,1997 के अन्तर्गत निर्मित नियम 2003 का खुला उल्लंघन करार दिया है। उन्होंने कहा कि यह छात्रों व अभिभावकों की जेबों पर डाका डालने का कार्य है। यह मनमानी लूट व मुनाफाखोरी है। एक वर्ष में बड़े निजी स्कूल प्रबंधन 18 से 30 लाख रुपये तक की कमीशनखोरी करते है। प्रत्येक छात्र की हज़ारों रुपये की किताबों व वर्दी में मिलने वाली छूट से अभिभावकों को वंचित करके यह राशि निजी स्कूल प्रबंधनों को कमीशन के रूप में दी जाती है। यह एनसीईआरटी, एससीईआरटी, सीबीएसई व एमएचआरडी गाइडलाइन का उल्लंघन है।
अभिभावकों से निजी स्कूल प्रबंधन सीधी लूट कर रहे है। लेकिन शिक्षा विभाग व प्रदेश सरकार मौन है। निजी स्कूलों की लूट पर इन दोनों की मूक सहमति है, जिससे जनता में यह संदेश जा रहा है कि ये दोनों भी इस खुली लूटपाट व मुनाफ़ाखोरी का हिस्सा है। उन्होंने छात्रों व अभिभावकों की इस लूट को रोकने के लिए सरकार से कानून व रेगुलेटरी कमीशन बनाने की मांग की है, ताकि कमीशनखोरी पर रोक लगे।