शिमला/प्रकाश शर्मा : “हाथों की लकीरों पर न जा ए ग़ालिब, नसीब उनके भी होते हैं जिनके हाथ नहीं होते।” मशहूर शायर मिर्जा गालिब की पंक्तियां हिमाचल प्रदेश के सोलन जिला की रहने वाली 15 साल की बेटी अनन्या पर बिल्कुल सटीक बैठती है। एक हाथ खोने के बावजूद भी बेटी ने सफलता की ऐसी इबारत लिखी जिससे न केवल हिमाचल बल्कि पूरा देश गौरवान्वित हुआ है।
15 साल की बच्ची अनन्या ने एक हादसे में अपना हाथ खो दिया था। छोटी उम्र में भी बेटी ने हार नहीं मानी और मेहनत जारी रखी। बेटी की मेहनत का नतीजा ये हुआ कि अब अनन्या साउथ कोरिया में चल रहे पैरा ओलंपिक स्कीइंग ट्रेनिंग कैंप में देश का प्रतिनिधित्व कर रही है। 15 साल की अनन्या हिमाचल की अकेली ऐसी खिलाड़ी है जो इस ट्रेनिंग में भाग ले रही है। भारत से केवल इस कैंप के लिए दो खिलाड़ियों का चयन हुआ है जिनमें से अनन्या एक है। अन्नया साउथ कोरिया में पैरा ओलंपिक स्किन की बारीकियां सिख रही है।
अनन्या के पिता ने बताया कि अनन्या ने एक हादसे में अपना एक हाथ खो दिया था। लेकिन बेटी की बहादुरी से वह खुद भी अचंभित है। उसने जीवन में हार नहीं मानी और तमाम चुनौतियों का सामना करते हुए अपने आप को साबित किया। उन्होंने बताया कि कोरिया में ग्रीन प्रोग्राम चल रहा है। इस कार्यक्रम में भारत के केवल 2 खिलाड़ियों का चयन हुआ है जिसमें से अनन्या एक है।
बता दें कि अनन्या की एक बहन भी है जो एमबीबीएस कर रही है।