मंडी, 7 जनवरी : मंडी के ढांगसीधार में जल शक्ति विभाग के राज्य प्रशिक्षण केंद्र में हिमाचल सहित सात राज्यों पंजाब, हरियाणा, उत्तराखण्ड, राजस्थान, महाराष्ट्र, गोवा के इंजीनियरों को पहाड़ी क्षेत्र की ग्रामीण पेयजल योजनाओं की दीर्घकालिकता के लिए वाटर ट्रीटमेंटसंयत्र व अंतर्ग्राही संरचना के चयन, डिजाईन, निर्माण, संचालन एवं रख-रखाव बारे प्रशिक्षित करने के लिए आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम शनिवार को संपन्न हो गया। तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में सात राज्यों के करीब 32 कनिष्ठ अभियंता, सहायक अभियंता, अधिशाषी अभियंता तथा अधिक्षण अभियंता ने भाग लिया।
इस कार्यक्रम का आयोजन भारत सरकार के जल जीवन मिशन के तहत किया गया। मंडी जलशक्ति विभाग के अधिक्षण अभियंता विकास कपूर ने बताया कि जल शक्ति विभाग से सेवानिवृत अभियन्ता एनडी वैद्य ने प्रशिक्षण के पहले दिन पहाड़ी राज्यों में पानी को शु़द्ध करने के लिए स्लो सैंड फिल्टर के बारे में जानकारी दी।
वहीं प्रशिक्षण के दूसरे दिन उत्तर प्रदेश जल निगम के सेवानिवृत अभियन्ता विजेन्द्र विक्रमादित्य ने रैपिड सैंड फिल्टर के बारे में जानकारी दी। जल संस्थान उत्तराखण्ड से सेवानिवृत एचओडी ई. एचपी उनियान ने प्रशिक्षण के तीसरे दिन शनिवार को पहाड़ी राज्यों के ग्रामीण पेयजल स्कीमों में पानी के डिसइन्फेक्शन की विधियों की जानकारी दी।
विकास कपूर ने बताया कि जन जीवन मिशन के तहत इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है, जिसमें बहुत सी जानकारियों का आदान प्रदान किया गया। वहीं इस मौके पर अधिकारियों को प्रशिक्षण देने पहुंचे विश्व बैंक के पूर्व में टेक्निकल कंसल्टेंट रहे व यूपी जल विभाग के रिटायर्ड चीफ इंजीनियर विजेंद्र विक्रमादित्य ने बताया कि मिशन तभी सफल होगा, जब लोगों के नलों में पानी पहुंचेगा, जिसमें इस प्रकार के प्रशिक्षण बेहद जरूरी हैं।
इस मौके पर महाराष्ट्र के नागपुर से मंडी में प्रशिक्षण लेने पहुंचे सहायक मुख्य अभियंता किशोर डवले ने बताया कि उन्हें पहाड़ी राज्या हिमाचल में जल जीवन मिशन के बारे में बहुत कुछ सीखने को मिला है।