हमीरपुर, 29 दिसंबर : हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग पेपर लीक मामले में हर रोज कई खुलासे हो रहे है, जिससे यह जग जाहिर है कि यह गिरोह कई सालों से यह काम कर रहा था। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मुख्य आरोपी दलाल संजीव कुमार ने पोस्ट कोड 817 जूनियर ऑफिस असिस्टेंट आईटी की लिखित और टाइपिंग टैस्ट को 2021 में पास किया था। 1867 पदों के लिए इस भर्ती परीक्षा के लिए प्रदेश के 2 लाख से अधिक बेरोजगारों ने आवेदन किया था। ऐसे में पेपर लीक मामले में मुख्य आरोपी एवं पेपर बेचने में दलाल की भूमिका निभाने वाले संजीव का इस परीक्षा में पास होना बड़े सवालों को जन्म दे रहा है।
ऐसे में अब विजिलेंस की जांच इस दिशा में भी आगे बढ़ रही है कि क्या इस परीक्षा का पर्चा भी लीक हुआ था। गौरतलब है कि इस मामले में बुधवार को सभी आरोपियों को अदालत में पेश किया गया था। जिनमें से 2 मुख्य आरोपियों कर्मचारी चयन आयोग की गोपनीय शाखा में तैनात निलंबित महिला कर्मचारी उमा आजाद और पेपर बिक्री में दलाल की भूमिका निभाने वाले संजीव को 3 दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा गया है।
माना जा रहा है कि पुलिस रिमांड के दौरान अब पूर्व में हुई भर्तियों की लिखित परीक्षाओं के पेपर की बिक्री पर विजिलेंस की जांच पूरी तरह से फोकस रहेगी। इस दौरान दलाल संजीव के कंप्यूटर टाइपिंग और कोचिंग सेंटर के रिकॉर्ड को भी बारीकी से जांचा जाएगा।
सरकारी नौकरी करना चाहता था संजीव….
मिली जानकारी के अनुसार मुख्य आरोपी संजीव भी सरकारी नौकरी करना चाहता था। इसी चाह में उसने जेओए आईटी पोस्ट कोड 817 का एग्जाम दिया था। जिसमें वह काफी अच्छे नंबरों से पास भी हुआ था। पोस्ट कोड 817 में संजीव के कितने नंबर थे, यह साफ नहीं हो पाया है। लेकिन परीक्षा के बाद जो टाइपिंग टैस्ट हुआ उसे भी उसने क्वालीफाई किया था। अब वो केवल रिजल्ट का इंतजार कर रहा था। क्योंकि पोस्ट कोड 817 का मामला भी कोर्ट में विचाराधीन है। इसलिए अब तक उसकी नौकरी नहीं लग पाई थी।
अब इससे एक बात सामने आ रही है कि मुख्य आरोपी महिला कर्मचारी के साथ उसके पुराने संबंध हैं। जेओए 817 की नोटिफिकेशन मार्च 2020 में हुई थी और इसका रिटन एग्जाम मार्च 2021 में हुआ था। अभ्यर्थियों और पदों के आंकड़ों के हिसाब से यह बड़ी परीक्षा कर्मचारी चयन आयोग की तरफ से आयोजित की गई थी।
एसआईटी की टीम पहुंची कोचिंग सेंटर…
पेपर लीक मामले में विजिलेंस और एसआईटी की टीम ने जांच और तेज कर दी है। गुरुवार को अणू स्थित कोचिंग सेंटर चलाने वाले संजीव के सेंटर पर भी छापेमारी की गई। वहां से मामले से संबंधित कई दस्तावेज जब्त किए। जिनमें कंप्यूटर, हार्ड डिस्क और अन्य कागजात शामिल हैं।
वहीं अधिकारियों ने आयोग के कार्यालय में भी सचिव के कार्यालय की तलाशी ली। वहां से कुछ दस्तावेज जब्त किए हैं, क्योंकि गोपनीय शाखा को हटाए गए सचिव ही चलाया करते थे। मामले में गिरफ्तार मुख्य आरोपी उमा आजाद उन्हीं के अंडर काम किया करती थी। प्रश्न पेपर से संबंधित दस्तावेज जितेंद्र कंवर की अलमारी में हुआ करते थे, उसे भी खंगाला गया है।