शिमला, 11 दिसंबर : कहते हैं, किसी भी सफलता के पीछे महिला का हाथ होता है। इसके साथ एक और भी कहावत है कि बच्चे का चरित्र निर्माण उसके मां-बाप द्वारा होता है। प्रदेश के नव निर्वाचित मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू जहां आज पहुंचे हैं, उसमें उनकी माता संसार देई का बहुत बड़ा हाथ है। संसार देई ने अपने चारों बच्चों को मेहनती व संस्कारी बनाकर कड़े अनुशासन से उन्हें अलग-अलग फील्ड में सफलतम कैरियर चुनने में सहायता की।
सुक्खू के बड़े भाई एयरफोर्स से रिटायर हैं तो दोनों बहनें हिमाचल प्रदेश सरकार में सरकारी कर्मचारियों के ओहदों पर हैं। माता संसार देई के सुक्खू के सीएम ऐलान के बाद आंसू रोके नहीं रुक रहे थे। भावुक होते हुए उन्होंने हमेशा सुखविंद्र को मेहनत करने व सच्चाई पर डटे रहने की शिक्षा दी है। उनका कहना था कि सुखविंद्र को वकालत की पढ़ाई के बाद यह प्रोफेशन रास नहीं आया। मैंने भी इसके लिए उसे हमेशा प्रोत्साहन दिया, मगर उसका कहना था कि मां मैं जनसेवा करना चाहता हूं तो मैंने उससे कहा, ठीक है लेकिन ईमानदारी से अपना काम करना।
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अब वह मुख्यमंत्री बना है तो भी मैंने उसे नसीहत दी है कि जिसका जो काम करना है, उसे शिद्दत से करें, झूठ न बोले व आश्वासन न दें। किसी का काम नहीं हो सकता है तो उसे सही राह बताए। कभी किसी से रिश्वत न लें। सुक्खू के संघर्ष को याद कर उनकी मां खुद को रोक नहीं पाई और फफक-फफक कर रोते हुए कहा कि यह बचपन से ही दूसरों की मदद करने के लिए हमेशा तत्पर रहता है। उनकी पत्नी भी बड़ी साधारणता से कहती हैं कि उनके पति की तपस्या का फल मिलने से वह भी बहुत खुश हैं। आलाकमान ने उनके पति को उनकी मेहनत का पुरस्कार दिया, जिसके लिए वो आलाकमान की धन्यवादी हैं।
कुल मिलाकर नए मुख्यमंत्री की माता व उनकी पत्नी का उनकी सफलता में बहुत बड़ा हाथ है। जिस तरह से उनकी मां अनुशासित व साधारण जीवन यापन करने में विश्वास रखती हैं, वहीं आने वाले दिनों में सुक्खू को सही राह पर चलने में सहायक सिद्ध होगा। जब कभी उन्हें लगेगा कि वो अपने कर्तव्य पथ से भ्रमित हो रहे हैं तो मां की सीख उनको सही मार्ग दिखाएगी।