बिलासपुर, 01 दिसंबर : हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर के पट्टा स्थित करियर प्वाइंट विश्वविद्यालय (Career Point University) के बॉटनी विभाग (Botany) की स्टूडेंट आंचल ठाकुर सेब व नींबू के अवशेष और रस से “हर्बल डिशवॉशर क्लीनर जैल” तैयार करेगी। इसमें केमिकल का इस्तेमाल नहीं होगा।
वर्तमान में अधिकांश डिशवॉशर क्लीन जैल में केमिकल का प्रयोग होता है, इस कारण बर्तन साफ करने वाले हाथों में चर्म रोग होने की आशंका रहती है। आंचल ठाकुर जिस जैल (Gel) को बनाने जा रही है,वो पूरी तरह से हर्बल होगा। गृहणियों में हो रही चर्म रोग की समस्या को कम करने में मदद मिलेगी।
आंचल ठाकुर हिमाचल प्रदेश सरकार (Himachal Pradesh Government) की मुख्यमंत्री स्टार्टअप स्कीम के तहत उत्पाद को तैयार करने की रिसर्च में जुटी है। आंचल ठाकुर ने बताया कि ‘हर्बल डिशवॉशर क्लीनर जैल’ का प्रयोग कर बर्तन धोने के बाद जो पानी व्यर्थ निकलेगा, वो पौधों में खाद का काम करेगा। आंचल ठाकुर प्रोजेक्ट फेलो बॉटनी विभाग के डॉ. गुलशन शर्मा के मेंटर के रूप में कार्य करेंगे।
वहीं करियर प्वाइंट विश्वविद्यालय के पायोनियर इनक्यूबेटर में स्टार्टअप, इनोवेशन, मिनी प्रोजेक्ट व आत्मनिर्भर होने के लिए विभिन्न शोध कार्यो संबधित प्रशिक्षणों में सभी विभागों के छात्र व वैज्ञानिक बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं।