शिमला, 30 अगस्त : हिमाचल प्रदेश में 2018 के बाद मानसून की बरसात ने सबसे ज्यादा कहर बरपाया है। अनुमान है कि इस बार की बरसात नुकसान के पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ देगी। हिमाचल प्रदेश में पिछले 18 वर्षो के दौरान तीसरा ऐसा मौका है जब मानसून की बरसात सामान्य या सामान्य से अधिक रही है। जिसका आकलन करने केंद्र की दो टीम हिमाचल पहुंची।
28 अगस्त को पहुंची इन टीमों ने कांगड़ा व कुल्लू में हुए नुकसान का जायजा लिया। उसके बाद मंगलवार को धर्मशाला व बिलासपुर से इन टीमों ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में आपदा प्रबंधन व राजस्व के अधिकारियों के साथ बैठक की। हिमाचल में ये पहला मौका है जब केंद्र की ये टीम अक्टूबर-नवंबर के बजाय बरसात के बीच में हिमाचल में बरसात से हुए नुकसान का आंकलन करने पहुंची है।
हिमाचल राजस्व व आपदा प्रबंधन के प्रधान सचिव ओंकार शर्मा ने बताया कि प्रदेश में मानसून से 1,981 करोड़ का नुकसान हो चुका है। जिसके बढ़कर तीन हज़ार करोड़ से ऊपर जाने का अनुमान है जो आज तक का सबसे ज्यादा होगा। इससे पहले 2018 में बरसात से सबसे अधिक 2300 करोड़ का नुकसान हुआ था। मानसून की बरसात से अभी तक 284 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 9 लोग लापता है व 532 लोग घायल हुए हैं।
ओंकार शर्मा ने बताया कि केंद्र की टीम ने भी माना है कि प्रदेश में मानसून से भारी नुकसान हुआ है। टीमों ने स्वयं दो दिन तक मौके में जाकर नुकसान का जायजा लिया है। उन्हे उम्मीद है कि प्रदेश को जल्द केंद्र से अंतरिम राहत मिलेगी। जून माह में 34 फीसदी कम बरसात हुई थी, लेकिन जुलाई अगस्त माह में मानसून की बरसात ने 18 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है।