शिमला, 20 अगस्त : मशोबरा ब्लाॅक में लंपी त्वचा रोग पशुंओं में बड़ी तेजी के साथ फैल रहा है। हालांकि स्टाफ की कमी होने के बावजूद भी पशुविभाग द्वारा इस बिमारी की रोकथाम के लिए भरसक प्रयास किए जा रहे हैं। पशुपालन विभाग जुन्गा और कोटी के अनुसार अभी तक कुछ पंचायतों में 30 पशुओं में लंपी रोग के लक्षण पाए गए है जबकि दो पशु इस बिमारी से दम तोड़ चुके हैं। जबकि सात सौ मवेशियों को वैक्सीन लगा दी गई है।
पशु चिकित्सक कोटी डाॅ. कनिका ने बताया कि पीरन पंचायत में सर्वाधिक 18 गौवशं लंपी बिमारी से पीड़ित है। पीरन पंचायत के चलोग में रूप सिंह की जरसी गाए और आंजी में एक बैल की इस बिमारी से मृत्यु हो गई है। उन्होंने बताया कि कोटी पंचायत के अंतर्गत आने वाली दो डिस्पेंसरी सतलाई और पीरन के माध्यम से चार सौ पशुओं का टीकाकरण कर दिया गया है।
इसी प्रकार पशु चिकित्सक जुन्गा डाॅ0 जयपाल बास्टा ने बताया कि उनके अधीन आने वाले तीन पशु औषधालय भड़ेच , जनेडघाट और बलोग में केवल 11 पशुओं में लंपी बिमारी के लक्षण पाए गए है जबकि तीन सौ पशुओं का टीकाकरण कर दिया गया है। जुन्गा क्षेत्र की 12 पंचायतों में पशुधन की आबादी करीब 15 हजार हैं। किसान सभा के राज्य अध्यक्ष डाॅ. कुंलदीप तंवर ने चलोग गांव का दौरा करने के उपरांत बताया कि लंपी रोग से रूप सिंह की जरसी गाए ने दम तोड़ दिया है। जोकि रूप सिंह के परिवार की आजीविका का एक मात्र साधन था।
उन्होंने सरकार से प्रभावित परिवार को राहत राशि प्रदान करने की अपील की है । डाॅ. तंवर ने बताया कि पीरन पंचायत में केवल एक फार्मासिस्ट है जिनके पास सतलाई पंचायत का चार्ज भी है । जबकि इन दो पंचायतों में मवेशियों की आबादी करीब छः हजार है। बताया कि पशु विभाग को लंपी रोग से ग्रस्त क्षेत्रों के लिए विशेष टीमें गठित की जानी चाहिए तभी इस बीमारी पर काबू पाया जा सकता है ।