नाहन – बेटी है अनमोल योजना के तहत अभिभावकों को दिए जाने वाले चैक सार्वजनिक समारोह में दिए जाएंगे। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ0 अजय गुप्ता ने सोमवार को प्रसव पूर्ण निदान तकनीक अधिनियम, 1994 के तहत गठित जिला स्तरीय सलाहकार समिति की समीक्षा बैठक के दौरान दी। उन्होंने बताया कि जिला में प्रसव पूर्व लिंग परीक्षण पर पूरी तरह से प्रतिबन्ध है तथा इस दिशा में स्वास्थ्य विभाग की टीम निरन्तर अल्ट्रा साउण्ड क्लीनिकों का निरीक्षण करती रहती है। उन्होंने बताया कि जिला में विभिन्न क्लीनिकों पर 16 औचक निरीक्षण किए गए । डॉ0 गुप्ता ने बताया कि भ्रूण जांच करना व करवाना दोनों कानूनी तौर पर अपराध है और इसमे सजा का भभी प्रावधान है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि प्रसव पूर्ण निदान तकनीक अधिनियम में शामिल नए प्रावधान के मुताबिक अब जिला दण्डाधिकारी व खण्ड विकास अधिकारी भभी अल्ट्रासांउड क्लीनिक का औचक निरीक्षण कर सकेंगे। डा0 अजय गुप्ता नें बताया कि इन्दिरा गंाधी बालिका समृद्वि योजना के अन्र्तगत एक बच्ची के जन्म पर 21000 तथा दो बच्चियों के जन्म पर परिवार नियोजन करवानें पर 11000 रूपये एफ0डी0आर के रूप में जमा कराये जाते है तथा यह एफ0डी0आर0 सार्वजानिक कार्यक्रमों में बाटे जायेगे। उन्होनें बताया कि ग्राम स्वास्थ्य कमेटियों के द्वारा पी0एन0डी0टी के बारे में विस्तृत प्रचार किया जायेगा तथा ग्राम स्तर पर जागरूकता आन्दोलन चलाया जाएगा। उन्होनें बताया कि जिले के सभी उपमण्डलों के सीनियर सकेन्डरी स्कूुलों में भी इस कार्यक्रम के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए विभिन्न प्रतियोगिताएं करवाई जाएेगी। इस अवसर पर जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा0 एसएमअली, डा0 डीडी शमा, डा0 अनुपम चतुर्वेदी, डा0 हेमेन्द्र महाजन के अतिरिक्त जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीकान्त चौहान भी उपस्थित थे।
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