शिमला, 13 अगस्त : हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के अंतिम दिन शनिवार को एक साथ नौ विधेयक पारित हुए।
इन विधेयकों में हिमाचल प्रदेश धर्म की स्वतंत्रता संशोधन विधेयक 2022, हिमाचल प्रदेश नगर निगम द्वितीय संशोधन विधेयक 2022, हिमाचल प्रदेश नगर पालिका संशोधन विधेयक 2022, हिमाचल प्रदेश नगर और ग्राम योजना संशोधन विधेयक 2022, हिमाचल प्रदेश भू-गर्भ जल विकास और प्रबंधन विनियमन और नियंत्रण संशोधन विधेयक 2022, हिमाचल प्रदेश अभिधृति और भूमि सुधार अधिनियम संशोधन विधेयक 2022, हिमाचल प्रदेश न्यायालय संशोधन विधेयक 2022, हिमाचल प्रदेश राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंध संशोधन विधेयक 2022 और हिमाचल प्रदेश कतिपय प्रवर्गों के वेतन और भत्तों पर आयकर का संदाय विधेयक 2022 शामिल है।
विपक्ष के विरोध के बीच सरकार ने हिमाचल प्रदेश धर्म की स्वतंत्रता संशोधन विधेयक 2022 को पारित किया। विपक्ष ने विधेयक का विरोध करते हुए इसे प्रवर समिति को भेजने की मांग की। विधेयक में धर्म परिवर्तन का दोषी पाए जाने पर सात की जगह दस साल की सजा का प्रावधान किया गया है। अगर कोई व्यक्ति किसी दूसरे धर्म के व्यक्ति से विवाह करने के लिए अपने धर्म को छुपाता है, और शिकायत मिलने पर अगर वह साबित हो जाता है तो ऐसे व्यक्ति के खिलाफ कम से कम तीन साल की सजा का प्रावधान होगा। इस सजा को दस साल तक बढ़ाने का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा न्यूनतम जुर्माना पचास हजार रुपए किया गया है। इसे एक लाख रुपए तक बढ़ाया जा सकता है।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस विधेयक पर हुई चर्चा के जवाब में कहा कि धर्म परिवर्तन की आज जो स्थितियां प्रदेश में बनी है, उनमें अत्यधिक कड़े कानून की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अभी तक धर्म परिवर्तन की घटनाएं किन्नौर, रामपुर और दूरदराज के क्षेत्रों तक सीमित थी लेकिन अब कुल्लू के आनी और बंजार में भी गरीबों के बड़े पैमाने पर धर्म परिवर्तन के मामले सामने आये हैं। उन्होंने प्रदेश में बड़े पैमाने पर धर्म परिवर्तन पर चिंता जताई और कि अगर अगर इसे समय रहते न रोका गया तो आने वाले समय में ये सभी के सामने बहुत बड़ा खतरा होगा।