सोलन (एमबीएम न्यूज): पिछले कुछ समय से एचआरटीसी में चालक बनने पर अर्की में जन्मी सीमा ठाकुर मीडिया में खासी सुर्खियां बटोर रही है। हो भी क्यों न, एचआरटीसी की पहली महिला चालक है। एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने जब सीमा के चालक बनने का कारण तलाशा तो यह बात सामने आई कि बेटी अपने पिता का मरणोपरांत सपना पूरा करना चाहती थी। सीमा के पिता बलीराम ठाकुर एचआरटीसी में बतौर चालक तैनात थे। दुर्भाग्यवश उनका निधन हो गया। पिता बलीराम चाहते थे कि उनकी बेटी लीक से हटकर कुछ करे, जो समाज के लिए भी प्रेरणा बने।
इसी के बाद सीमा ने तय किया कि वह भी अपने पिता की तरह सरकारी बस चलाएगी। साथ ही बेटियों को अपनी राह खुद बनाने के लिए प्रेरित करेगी। इसके लिए सीमा को हैवी लाईसेंस धारक होना जरूरी था। छह साल पहले सीमा ने लाईसेंस हासिल कर लिया। एचआरटीसी चालक बनने के लिए आवेदन किया। उसके बाद सीमा ने मंडी में 13 मार्च 2016 से अपनी एक महीने की ट्रेनिंग लेनी शुरू कर दी। सनद रहे कि अर्की की दुर्गम पंचायत चमयोण के गांव डुडाना की रहने वाली सीमा ठाकुर एचआरटीसी की बस में चालक बनने वाली पहली हिमाचली महिला है। रविवार को सीमा ने एचआरटीसी का स्टेयरिंग संभाल लिया है।
बुलंद हौंसलों के साथ सीमा ठाकुर अब हिमाचल प्रदेश की सर्पीली सडक़ों पर निगम की बसों को दौड़ाती नजर आएगी। प्रदेश की इस होनहार बेटी ने सरकारी बस चालक बनकर अपने दिवंगत पिता के सपनों को साकार किया है। पिता के सपनों को पंख लगाने के लिए सीमा ठाकुर को ड्राइविंग जैसे जटिल टेस्टों से गुजरना पड़ा है। हालांकि इसके लिए सीमा ठाकुर ने कई महीनों का कड़ा प्रशिक्षण भी लिया है। सीमा ठाकुर हिमाचल प्रदेश की उन सभी महिलाओं के लिए प्ररेणा बनकर सामने आई है जोकि जीवन में हार मानकर अपने भाग्य को कोसना शुरू कर देती है।
सीमा ठाकुर जिला सोलन के अर्की उपमंडल के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत चम्योण के गांव डुडाना की रहने वाली है। इस महिला ने लीक से हटकर अपने कैरियर को चुना है। आज रविवार से सीमा ठाकुर ने सरकारी बस का स्टेयरिंग हाथों में संभाल लिया है। सीमा के पास हैवी व्हिकल लाइसेंस है और उसने ड्राइविंग टेस्ट के दौरान 52 सीटर बस को सफलता से चलाकर इस होनहार बेटी ने अपनी काबलियत साबित की है।
इससे पहले13 मार्च से एक महीने की ट्रेनिंग सफलता से पूरी कर सीमा ने खुद को हर मोर्चे पर अव्वल साबित किया है। सीमा की लग्र और हिम्मत को हिमाचल पथ परिवहन निगम प्रबंधन भी सलाम कर रहा है। इसे एक बेटी के बुलंद हौंसले व जीवन में लीक से हटकर कुछ कर गुजरने की लग्न की जीत कहा जाए तो इसमें अतिश्योक्ति नहीं होगी। सीमा के इस प्रेरक उदाहरण से प्रदेश की अन्य बेटियों का भी हौंसला खुलेगा और उन्हें अहसास होगा कि पुरुष वर्चस्व वाले कार्यों में भी महिलाएं अपनी दक्षता साबित कर सकती हैं।
वहीं हिमाचल प्रदेश के परिवहन मंत्री जीएस बाली ने सीमा ठाकुर को चालक के रूप में कैरियर चुनने के लिए बधाई दी है। उन्होंने कहा कि सीमा ठाकुर प्रदेश की महिलाओं के लिए लीक से हटकर कैरियर चुनने के लिए प्रेरणा बनकर सामने आई है।