सोलन (शैलेंद्र कालरा): नाम : जसवीर सिंह। उम्र : 54 वर्ष। रेंक : हैडकांस्टेबल। बहादुरी-इंसानियत का कारनामा ऐसा कर दिखाया, जिसे कर दिखाने की कोई सोच भी नहीं सकता। कोई करने की सोचे भी तो, दहशत इस कद्र हावी हो सकती है कि कोई भी अप्रिय घटना हो जाए। जी हां जसवीर सिंह उर्फ जस्सी ने एक ऐसी मिसाल पेश कर डाली है, जो शायद आने वाले समय में बमुश्किल ही रिपीट हो पाए, क्योंकि कुदरत भी ऐसा अनोखा मौका बार-बार नहीं देती। घटना ताजी नहीं है। चंद दिन पहले की बात है, पुलिस लाइन में एक नागिन, ड्रम में पिघले तारकोल में फंस गई। पीछे-पीछे नाग भी तारकोल में लिपट गया। छटपटा रहे नाग-नागिन के जोड़े को देखने लोगों की भीड़ तो जुटी, लेकिन निकालने की हिम्मत कोई नहीं जुटा पाया।
इसी बीच कोर्ट में पेश करने एक मुलजिम को लेकर जा रहे पुलिस महकमे के हैडकांस्टेबल जसवीर सिंह ने यह नजारा देखा। चंद मिनटों में ही जसवीर ने नाग-नागिन को रेस्क्यू करने की ठान ली। जैसे-तैसे डंडे की मदद से बमुश्किल नाग-नागिन को ड्रम से तो निकाल लिया गया, लेकिन अगली चुनौती 7 से 8 फुट लंबे फनियर नाग-नागिन पर से तारकोल हटाने की थी। कमाल देखिए, जसवीर कतई भी घबराए नहीं। कपड़े से नाग-नागिन का एक-एक कर मुंह दबाया। फिर तारकोल को साफ किया।
मौके पर मौजूद चश्मदीदों के मुताबिक जब जसवीर ऐसा कर रहे थे, तो वहां मौजूद हरेक शख्स दहशत में था, लेकिन जसवीर बेखौफ होकर अपना काम करने में जुटे रहे। इसके बाद जंगल की तरफ नाग-नागिन को छोड़ दिया गया। मौके पर मौजूद कई लोगों ने इस अनोखे रेस्क्यू ऑपरेशन का वीडियो भी बनाया। एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में हैडकांस्टेबल जसवीर सिंह उर्फ जस्सी ने कहा कि केवल रेस्क्यू करने का ही मन में था। डर जैसी कोई बात नहीं थी। उन्होंने कहा कि तारकोल से निकलने के बाद नाग-नागिन ने अपना फन भी फैलाया। उधर एसपी अंजुम आरा ने भी हैडकांस्टेबल की बहादुरी की प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि इस तरह के रेस्क्यू को अंजाम देना आसान नहीं था।
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