बिलासपुर, 25 जून : हिमाचल प्रदेश मोटर चालक संघ ने राज्य सरकार से ट्रक चालकों की समस्याओं को लेकर निदान करने व उनके साथ हो रहे शोषण से मुक्ति दिलाने की मांग की है।
पत्रकारों को संबोधित करते हुए संघ के अतिरिक्त प्रदेश महासचिव जय किशन शर्मा ने कहा कि आज के दौर में भी ट्रक चालक गुलामी भरी जिंदगी जी रहे है। उनकी ओर कोई भी ध्यान नहीं दे रहा। महंगाई के इस दौर में चालकों को आठ से दस हजार रुपए की सैलरी मिल रही है। जिसमें गुजारा करना बहुत कठिन हो रहा है।
उन्होंने बताया कि ट्रक चालकों की जिंदगी इतनी कठिन होती है कि उन्हें कई बार भोजन करने का समय भी नहीं मिलता। इसी के लिए संघ का गठन किया गया है, जिसकी पंजीकरण प्रक्रिया चल रही है। जिस कंपनी के लिए चालक काम कर रहे हैं उस कंपनी के द्वारा भी चालकों को कोई अतिरिक्त सुविधा नहीं दी जा रही है। कंपनी उनके बलबूते पर लाखों रुपए कमा रही है। लेकिन न तो ट्रकों के मालिकों को कोई लाभ मिल रहा है और न ही उन्हें कोई लाभ मिल रहा है।
उन्होंने इस बात पर भी आपत्ति जताई कि सीमेंट लेकर जब वह किसी डंप पर अपना वाहन खाली करने के लिए खड़ा करते हैं तो 3 से 4 दिनों तक उसे खाली नहीं किया जाता। यह भी कहा कि अगर किसी भी तरह से कोई दुर्घटना हो जाती है तो न तो मालिक ही उनका साथ देता है और न कोई सभा उनके लिए खड़ी होती है। उन्होंने बीडीटीएस की ओर इशारा करते हुए कहा कि इतनी बड़ी सभा ने आज तक चालकों को मुसीबत में देखकर कुछ नहीं किया।
उन्होंने अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी में कार्य कर रही खारसी सहकारी सभा की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनके अध्यक्ष महेंद्र सिंह व सचिव दौलत सिंह ठाकुर ने एक प्रथा चलाई है कि एक्सीडेंट के ऊपर प्रभावित परिवार को पांच लाख रुपए की राशि दी जाएगी जो की सभा का सदस्य होगा। इसी तरह उन्होंने सरकाघाट के एक चालक के परिवार को भी पांच लाख रुपए की सहायता दी है।
उन्होंने कहा कि इस तरह की सहायता अन्य सभाओं को भी शुरू करनी चाहिए। संघ ट्रक चालकों को नए परिवहन नियमों के प्रति भी जागरूक करेगा। उन्होंने सरकार से सीमेंट उत्पादन करने वाली कंपनियों को भी चालकों के हित सुरक्षित करने के निर्देश देने की मांग की है।