धर्मशाला (एमबीएम न्यूज़) : अंग्रेजी की एक प्रसिद्ध कहावत है ‘चैरिटी बिगिंस एट होम’ अर्थात परोपकार घर से आरंभ होता है, उपायुक्त कांगड़ा रितेश चौहान ने इस कहावत को चरितार्थ किया है। समाज में बेटियों के प्रति मानसिकता में सकारात्मक परिवर्तन लाने के उद्देश्य से उपायुक्त कांगड़ा रितेश चौहान एवं उनकी धर्मपत्नी देवीका चौहान ने आज धर्मशाला में उपायुक्त आवास पर ‘मुनियां दी धाम’ का आयोजन किया।
धाम में आए मेहमानों का स्वागत करते डीसी रितेश चौहान।इस अनूठी पहल का उद्देश्य लोगों को बेटी का जन्मोत्सव मनाने के लिए प्रोत्साहित करना था। इस आयोजन में जिलेभर के विशिष्ट व्यक्तियों के साथ साथ सामान्यजनों ने भी देवीका एवं श्री रितेश चौहान की मेजबानी का आनंद उठाया।
बकौल रितेश चौहान ‘मुनियां दी धाम’ में बेटा-बेटी के बीच भेदभाव की मानसिकता में परिवर्तन लाने और बेटी जन्म के सौभाग्य, सम्मान एवं उल्लास में खुशियां मनाने का संदेश निहित है। उनका कहना है कि वे अन्य लोगों को ‘मुनियां दी धाम’ के आयोजन के लिए कहने से पूर्व स्वयं अपने घर से इस मुहिम को आरम्भ करना चाहते थे। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी देवयांगना के प्रथम जन्मदिन और गोद ली बेटी (कानूनी तौर पर नहीं) मुस्कान की खुशी में उन्होंने ‘मुनियां दी धाम’ का आयोजन किया है। उन्होंने मुस्कान को साइकिल और खिलौने भी भेंट किए। दरअसल पिछले दिनों जब उपायुक्त एवं उनकी धर्मपत्नी मुस्कान से मिलने धर्मशाला के तंगरोटी-खास में उसके घर पहुंचे थे तो हंसी खुशी के उन पलों में मुस्कान ने देविका चौहान से साइकिल की चाह जताई थी।
गौरतलब है कि उपायुक्त ने ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान के तहत समाज में बेटा-बेटी के बीच भेदभाव की मानसिकता में परिवर्तन लाने के लक्ष्य के साथ जिलेभर में मांगलिक अवसरों पर ‘मुनियां दी धाम’ के आयोजन का विचार रखा था। इस मुहिम के तहत बेटी जन्म के सौभाग्य, सम्मान एवं उल्लास में लोगों को सामुहिक भागीदारी से ‘मुनियां दी धाम’ के आयोजन के लिए प्रेरित करने पर बल दिया जाएगा
यहां उल्लेखनीय है कि जिला में ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान के अंतर्गत उपायुक्त रितेश चौहान सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने निर्धन परिवारों की एक-एक बेटी की पढ़ाई-लिखाई एवं अन्य आवश्यकताओं की देखभाल एवं खर्च अपने वेतन से वहन करने का जिम्मा ग्रहण किया है।