धर्मशाला (एमबीएम न्यूज़): गर्मियों में जंगलों में आगजनी की घटनाओं पर अंकुश लगाने एवं इसकी रोकथाम के लिए वन मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी की अध्यक्षता में धर्मशाला में प्रदेश स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में वन विकास निगम के उपाध्यक्ष केवल सिंह पठानिया, प्रधान मुख्य अरण्यपाल डॉ वासुदेवा, एचएस डोगरा सहित प्रदेश के सात वन वृतों के अधिकारियों ने भाग लिया।
वन मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि आजकल वनों में लगने वाली आग की रोकथाम के लिए समयबद्ध तरीके से कार्ययोजना तैयार कर व्यापक कदम उठाए जायें। उन्होंने आग की रोकथाम के लिए शीघ्र्र ही वनों में फायर लाईन चिन्हित की जायें और इसके लिए स्थानीय लोगों की भागीदारी को भी सुनिश्चित करने के साथ-साथ स्वयं सेवी संगठनों का सहयोग लिया जाये। उन्होंने कहा कि ऐसा देखा गया है कि जहां जेएफएमसी का गठन किया गया है ऐसे क्षेत्रों में आगजनी की घटनाएं कम देखी जा रही है।
भरमौरी ने कहा कि आगजनी की रोकथाम के मामलों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए दस हजार रूपए की राशि सम्मान के रूप में दी जाएगी। उन्होंने वन विभाग के कर्मचारियों को स्थानीय लोगों के साथ सौहार्दपूर्ण सम्बंध स्थापित करने पर बल देते हुए कहा कि आगजनी इत्यादि मामलों में स्थानीय लोगों और संस्थाओं का सहयोग हमेशा सराहनीय रहता है।
उन्होंने अधिकारियों को कहा कि प्रत्येक वन मंडल के दस हैक्टेयर क्षेत्र में एक मॉडल प्लानटेशन क्षेत्र बनाया जाएगा, जिसमें चारो तरफ फैंसिंग, सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी। इसमें विभिन्न प्रजातियों के पौधों के अतिरिक्त औषधीय पौधे भी रोपित किए जायेंगे। उन्होंने लोगों को चीड़ की पत्तियों को एकत्रित कर चारकोल इत्यादि बनाने की तकनीक का उपयोग करने का सुझाव दिया। उन्होंने विभाग को निर्देश दिए कि जो लोग इस कार्य में जुड़े हैं, उनके उत्पादों को मार्केटिंग सुविधा उपलब्ध करवाने के प्रयास किए जायें।