शिमला, 03 जून : हिमाचल हाईकोर्ट ने नगर निगम शिमला के नाभा और समरहिल वार्डों के डिलिमिटेशन के खिलाफ दायर याचिकाओं का निपटारा करते हुए इन वार्डों के डिलिमिटेशन संबंधी जिला प्रशासन के आदेशों को खारिज कर दिया है। कांग्रेस पार्षद सिमी नन्दा और समरहिल के राजीव ठाकुर ने अलग-अलग याचिकाओं में नाभा और समरहिल वार्डों के डिलिमिटेशन को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया है कि इस दोनों वार्डों में जिलाधीश और मंडलायुक्त ने प्रार्थियों की ओर से उठाई गई आपत्तियों पर सही तरीके से निर्णय नहीं दिया है। इसके चलते प्रशासन के इस आदेश को रद्द किया जाता है और नए सिरे से प्रार्थी को सुनकर उनकी आपत्तियों पर पुनर्विचार करने के आदेश जारी किए गए हैं।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने जिलाधीश शिमला को आदेश दिए कि वह फिर से याचिकाकर्ताओं की ओर से उठाए गए मुद्दों पर दोबारा विचार करें। तथ्यों पर आधारित फैसला लें ताकि कानून के तहत पुनर्सीमांकन किया जा सके।
कोर्ट के फैसले के मुताबिक अब नाभा और समरहिल वार्डों की आपत्ति व सुझाव जिला प्रशासन को दोबारा सुनने होंगे। इससे पहले जिला प्रशासन ने सबसे कम आबादी वाले नाभा वार्ड के कुछ क्षेत्र साथ लगते वार्डों टूटीकंडी और फागली वार्ड में शामिल किए थे। याचिकाओं के अनुसार उनके द्वारा उठाए गए विवादों को रद्द करते हुए जिलाधीश शिमला ने नाभा वार्ड के कुछ क्षेत्र फागली और टूटीकंडी में मिलाने और समरहिल वार्ड के क्षेत्र में आने वाले बालूगंज बाजार को बालूगंज वार्ड में न डालने का फैसला सुनाया था।
मामलों पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने पाया कि जिलाधीश शिमला ने तथ्यों की गहराई में न जाकर याचिकाकर्ताओं के विवादों को खारिज कर दिया। कोर्ट ने इन वार्डों के डिलिमिटेशन को रद्द करते हुए जिलाधीश शिमला को फिर से तथ्यों के दृष्टिगत विस्तृत आदेश पारित करने के आदेश दिए।
हाईकोर्ट ने पाया कि 2011 की जनगणना के अनुसार नाभा वार्ड की कुल जनसंख्या 4387 थी, जबकि टूटीकंडी और फागली वार्ड की कुल जनसंख्या क्रमशः 5639 और 4518 थी। इस प्रकार, नाभा वार्ड की जनसंख्या को कम करने का कोई अवसर नहीं था, जो पहले से ही तीनों वार्डों में से सबसे कम आबादी वाला था। इसी तरह 2011 की जनगणना से पता चलता है कि समरहिल वार्ड की जनसंख्या 5391 और बालूगंज वार्ड की जनसंख्या 3955 थी। इस प्रकार, बालूगंज वार्ड की जनसंख्या समरहिल वार्ड की तुलना में बहुत कम है।
सनद रहे कि वर्तमान नगर निगम शिमला का कार्यकाल 18 जून को पूरा होने जा रहा है। इससे पूर्व चुनाव होने चाहिए थे। चुनाव नहीं होने की स्थिति में यहां प्रशासन की तैनाती हो सकती है। दरअसल राज्य की सत्तारूढ़ भाजपा सरकार ने नगर निगम शिमला में सात नए वार्ड बनाए हैं। शिमला में अब वार्डों की संख्या 34 से बढ़कर 41 हो गई है।