कुल्लू (सुरभि): आज की नारी अबला, असहाय, निर्बल, बेवस, बेसहारा व मजबूर नहीं रही है। अब वह आत्मनिर्भर हो चुकी है ओर समाज के हर क्षेत्र में पुरूष के साथ कंधा से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रही है। आज महिलाएं पुरूषों के उन्हें जिम्मेदार पदों पर भी कार्य कर रही हैं, जो आज तक पुरूष ही निभाता आ रहा था जैसे सरकारी वाहनों का चालक (ड्राईवर) व सह चालक (कंडक्टर) पद, भारतीय डाक विभाग में पत्रवाहक (डाकिए) का पद आदि।
आज की महिलाएं कई महत्वपूर्ण सरकारी व गैर सरकारी विभागों व संस्थानों में अपनी भूमिका ईमानदारी से मेहनत से निभा रही हैं परंतु कई ऐसी जिम्मेदारियां भी इन विभागों व संस्थानों में निभा रही हैं, जो महिलाओं के लिए काफी परेशाानीदायक तथा कड़ी मेहनत भरा होता था। हाल ही में हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन विभाग में महिला चालक की भर्ती की गई, जिसमें हिमाचल प्रदेश में प्रथम बार महिलाओं को चालक के पद पर कार्य करने का अवसर दिया गया जो बहुत जिम्मेदारी का कार्य है, जिसमें कई जिंदगियों की जिम्मेदारी एक महिला पर आती, जिसमें जरा सी लापरवाही कई परिवारों को संकट में डाल सकती है।
इसी तरह हाल ही मेंं हिमाचल पथ परिवहन विभाग में कौशल विकास योजना के तहत महिलाओं की भर्ती कंडक्टर पद के लिए की गई, जिसके तहत कुल्लू डिपू में दो तथा केलांग डिपू में तीन महिलाओं को रखा गया है। यह सभी पांच महिलाएं आजकल कंडक्टर के पद का प्रशिक्षण ले रही हैं जो परिवहन की बसों में कंडक्टर के पद पर कार्य करती देखी जा सकती हैं लोग बड़ी उत्सुकतावश इन महिलाओं को इस पद पर कार्य करते देखते नजर आए। केलांग डिपू की बस में प्रशिक्षण ले रही हीरा देवाी का कहना है कि महिलाओं के लिए इस क्षेत्र में शुरूआती दौर में कार्य करना जरूर कठिनाई व परेशानीदायक हो सकता है परंतु असंभव नहीं है। इस पद पर कार्य करना महिलाओं के लिए पहला अनुभव है परन्तु किसी भी कार्य को करने के लिए मेहनत और हिम्मत की जरूरत होती है, अगर वह लगन से कार्य करे तो हर कठिन कार्य आसान हो जाता है।
भारतीय डाक विभाग में महिलाएं अपनी भूमिका कई पदों पर निभा रही है परंतु डाकिए (पत्रवाहक) की भूमिका में अपनी जिम्मेदारी निभाना काफी जोखिम भरा है परंतु जब विभाग ने इस पद पर महिलाओं को जिम्मेदारी सौंपी गई तो उन्होंने बड़े ही बखूबी से निभा रही हैं। कुल्लूू मंडी में हाल ही में डाकिए के नए पद भरे गए, जिसमें कुल्लू प्रधान डाकघर में राजेश्वरी देवी डाकिए के रूप में अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रही है। वैसे ही मुख्य डाकघर मंडी में पत्रवाहक के पद पर सीमा ठाकुर आपको डाक बांटती हुई देखी जा सकती है। वह इस पद पर बडी ईमानदारी अपनी जिम्मेदारी से अपनी भूमिका निभा रही है।
सीमा ठाकुर का कहना है कि जब मैं नई-नई इस पद लगी, जिसमें आज तक किसी महिला ने कार्य नहीं किया था तो बड़ा अजीब सा लगता था लोग जिज्ञासावश मेरी और देखते थे। घर-घर जाकर डाक बांटने में भी परेशानी होती थी, परंतु धीरे-धीरे सब आसान लगने लगा। अब मुझे कोई परेशानी नहीं होती। पत्रवाहक का कार्य बहुत ईमानदारी व मेहनत भरा है, जिसमें शरीर की मानसिक व शारीरिक दोनों शक्तियों का प्रयोग एक साथ करना होता है। इसी तरह उप डाकघर जोगिंद्रनगर में भी स्वर्णा देवी भी जोगिंद्रनगर शहर में ईमानदारी से डाक बांटती देखी जा सकती है।
उल्लेखनीय है कि पुरूषों से ज्यादा महिलाएं लगन व ईमानदारी से कार्य करती हैं। आने वाले कल के लिए इन महिलाओं की पहल एक मिसाल कायम करेगी। भविष्य में प्रदेश की महिलाएं इन क्षेत्रों में अपनी भूमिका बखूबी निभा सकती हैं।