शिमला, 13 मई : हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal Pradesh Highcourt) ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (National Green Tribunal) के आदेशानुसार पंडोह और बरोट बांधों से ब्यास और उहल नदियों में पानी नहीं छोड़ने के मामले में प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव (पर्यावरण विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी), अध्यक्ष, हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण बोर्ड और उपायुक्त मंडी को नोटिस जारी किया है।
मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायमूर्ति संदीप शर्मा की खंडपीठ ने देव भूमि पर्यावरण रक्षक मंच मंडी के अध्यक्ष नरेंद्र सैनी द्वारा मुख्य न्यायाधीश को संबोधित एक पत्र को जनहित याचिका के रूप स्वीकार करते हुए ये आदेश पारित किए।याचिकाकर्ता ने कहा है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा पारित 9 अगस्त, 2017 के आदेश के अनुसार, बांधों से 15 से 20% पानी छोड़ना अनिवार्य है। हालांकि, 27.03.2022 से पंडोह और बरोट बांधों से ब्यास और उहल नदियों में केवल नाममात्र का पानी छोड़ा जा रहा है।
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि संबंधित विभाग से कई बार अनुरोध किया गया और मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नंबर (Chief Minister Helpline Number) पर भी शिकायत दर्ज कराई गई। याचिकाकर्ता ने आगे आरोप लगाया है कि इस मुद्दे को क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड बिलासपुर के संज्ञान में भी लाया गया था। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने पंडोह और बड़ौत बांधों का निरीक्षण भी किया।
निरीक्षण के दौरान कुछ देर के लिए पानी छोड़ा गया, लेकिन निरीक्षण दल के जाते ही पानी का बहाव फिर थम गया। आगे यह भी आरोप लगाया गया है कि बांध प्राधिकरण राज्य सरकार को गलत सूचना प्रदान कर रहा है कि वे मानदंडों के अनुसार पानी छोड़ रहे हैं।
याचिकाकर्ता द्वारा यह भी कहा गया है कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (pollution control board) ने बांध अधिकारियों को कई कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं, लेकिन कोई सार्थक परिणाम नहीं निकला है। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि बांध अधिकारियों की इस हरकत से बीमारियां फैल सकती हैं। यह पर्यावरण और जलीय जीवों के लिए भी खतरा है। बांध अधिकारियों द्वारा अपर्याप्त पानी छोड़े जाने के कारण पीने के पानी और सिंचाई की कमी भी हो सकती है।
याचिकाकर्ता ने प्रस्तुत किया है कि वह पर्यावरण की सुरक्षा के लिए काम कर रहा है और उसने इस मामले में उच्च न्यायालय को शामिल करने की मांग की है। मामले की अगली सुनवाई 31 मई को निर्धारित की गई है।